समाजवादी पार्टी के मुखिया और संरक्षक Mulayam Singh Yadav 10 अक्टूबर की सुबह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 8:15 मिनट में अंतिम सांस ली.

लम्बे समय से उनका इलाज चल रहा था 2 अक्टूबर को हालत बिगड़ने की वजह से उन्हें लखनऊ से गुरुग्राम ले जाया गया, उनका इलाज डा त्रेहन कर रहे थे। उत्तर प्रदेश में लाखों समर्थक की आंखें आज नम हो गईं.
सैफई में होगा अंतिम संस्कार
10 October को सुबह 8:16 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम इटावा जिले के सैफई में किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 3 दिन का राजकीय अवकाश घोषित किया है.
प्राप्त सूचना के अनुसार माननीय नेताजी का अंतिम संस्कार "चन्दन" की लकड़ियों द्वारा किया जाएगा।
मुलायम सिंह की जिंदगी की कुछ खास किस्से
मुलायम सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद मके "सैफई" गांव में यादव परिवार में हुआ था पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं थी पढ़ाई लिखाई पूरी करने के बाद उन्होंने शिक्षक की नौकरी की लगभग 20 साल की उम्र को पूरा कर वह पॉलिटिकल रूप से सक्रिय हुए थे और गांव की सड़कों से लेकर उत्तर प्रदेश के मुखिया तक का सफर तय किया।
मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश में 3 बार Chief minister रहे और उनके पुत्र अखिलेश यादव भी एक बार मुख्यमंत्री रहे।
चूंकि उन्हें गाँव से यात्रा करने के लिए लोगों से कई बार साइकल मांगना पड़ता था इस वजह से उन्होंने साइकिल को समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह चुना था।
मुलायम सिंह को राजीव गांधी की सरकार में रक्षा मंत्री का दायित्व सौंपा गया था उन्होंने बोफोर्स और सुखोई लड़ाकू विमान को लाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी हालांकि बोफोर्स मामले में राजीव गांधी के सुर से अलग बोल रहे थे।
मुलायम सिंह की राजनीतिक छवि के अलावा व्यक्तिगत रूप से व्योहार कुशल थे वह अपने व्यवहार के लिए जाने जाते थे कई बार राजनीतिक हितों को नकार कर व्यक्तिगत मान्यता देते थे उदाहरण के तौर पर पूर्व प्रधान मंत्री चंद्रशेखर के पुत्र के खिलाफ चुनाव में कोई भी विपक्षी नही उतारा था क्योंकि वह व्यक्तिगत रूप से चंद्रशेखर साहब की बहुत इज्जत करते थे।
Mulayam Singh को उनके समर्थक प्यार से "नेताजी"कहते थे और जमीन से जुड़े होने की वजह से "धरती पुत्र" भी कहा जाता था. मुलायम सिंह जिंदगी के 82 साल पूरे कर इस दुनिया को अलविदा कह गए. उनके राजनीतिक और व्यक्तिगत योगदान को देखते हुए उनके सम्मान में 3 दिन का राजकीय अवकाश घोषित कर श्रद्धांजलि दी गई है।