बरसात सुहानी तो लगती है लेकिन इस मौसम में कीड़ों का प्रकोप बढ़ जाता है और अगर बरसाती कीड़े शरीर में कहीं काट ले तो खुजलाहट के साथ लाल रंग के चकत्ते व फफोले पड़ जाते हैं। कुछ कीट तो ऐसे विषैले हैं कि शरीर में वह जिस जगह रेंग दें वहीं पर निशान बन जाते हैं और उनमें पस भर जाती है, इसे “ट्रेलिंग साइन” कहते हैं।

उत्तर भारत के राज्यों में यह समस्या आमतौर पर बच्चों में देखी जाती है शहरों की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अकेले कलकत्ता जैसे शहर में 5 प्रतिशत बच्चे इंसेक्ट बाइट के शिकार होते हैं। अगर आपके शरीर में इन कीड़ों द्वारा फफोले पड़ गए हैं तो बस इन तीन उपायों में से कोई एक अपना लीजिए, 2 से 3 दिनों में आपको निजात मिल जाएगी।
एलोवेरा जेल एक असरदार उपाय
Elovera का पत्ता एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल गुणों से युक्त होता है जो घाव या फफोले में जलन को ठंडक और लालिमा, सूजन को समाप्त करता है। जीवाणु विरोधी होने की वजह से यह बैक्टीरिया को जन्म नहीं लेने देता है जिससे कि इन्फेक्शन का खतरा नगण्य हो जाता है। एलोवेरा चमड़ी में नई कोशिका के बनने में मदद करता है और घाव जल्दी भर जाता है।
एलोवेरा जेल लगाने का तरीका
एलोवेरा की ताजी पत्ती धुलकर बीच से फाड़कर उसका गूदा निकाल कर साफ कांच के बर्तन में रख लें, फिर उसे उठाकर उस जगह लगाएं जहां कीड़ा काटने का निशान या घाव है। लगाने के 20 मिनट बाद इसे धुल सकते हैं ऐसा दिन में 3 से 4 दिन करने पर जलन और ईचिंग में तत्काल राहत मिलेगी। अगर घर पर एलोवेरा का पौधा उपलब्ध नहीं है तो बाजार से बिना केमिकल वाला एलोवेरा खरीद सकते हैं।
हल्दी नारियल का लेप
यह असरदार घरेलू नुस्खा पीढ़ियों से चला आ रहा है। हल्दी के अंदर करक्यूमिन नामक पदार्थ पाया जाता है जो इसे एंटीसेप्टिक तथा एंटी-इंफ्लेमेटरी बनाता है। नारियल(गरी) का तेल स्किन को मुलायम करता है और जब नारियल का तेल और हल्दी का मिक्सर तैयार करके घाव पर लेप किया जाता है। इसका परिणाम देखकर आप चौंक जाएंगे क्योंकि यह बहुत ही कारगर दवा है आप चाहें तो नारियल तेल की बजाय सरसों तेल भी ले सकते हैं।
मिश्रण को बनाने और लगाने की प्रक्रिया
घर की पिसी (बाजार की भी) हुई हल्दी एक छोटे चम्मच से निकाल लें और लगभग 2 चम्मच कोकोनट ऑयल को उस पर डालकर मिक्स कर दें, ध्यान रहे कि तेल उतनी ही मात्रा में डालें जितने में पेस्ट बहुत गीला न रहे। फिर इस लेप इनफेक्टेड जगह पर अप्लाई कर दें, इसके बाद आधे से पौन घंटे के मध्य इसे गरम पानी से धुलकर साफ कर लें। सुबह शाम लेप को दो टाइम लगाते रहें, 72 घंटे में घाव को सुखा देगा।
नीम की पत्तियों का नुस्खा
नीम के पेड़ को तो आधा वैद्य कहा जाता है और शायद ही कोई बीमारी हो जिसमें यह काम न आए। इसमें एंटी फंगल और कीटाणु को नष्ट करने की तासीर होती है। फफोले वाली जगह पर विधिपूर्वक लगाने पर जल्दी ही इस बीमारी से छुटकारा मिलता है। त्वचा में पड़ी लालिमा, जलन और सूजन को जड़ से खत्म करता है। त्वचा की परत में इन्फेक्शन से रक्षा करता है।
नीम के पत्तियों की प्रयोग विधि
ताजी नीम की मुलायम पत्तियां लेकर उसे पानी से भरे टब में कम से कम 2 घंटे तक डाले रहें फिर उसे निकालकर पत्तियों को पीस कर घाव वाली जगह पर लगा दें। दिनभर में 2 से 3 बार लगा सकते हैं और हर बार एक घंटे लगाकर गुनगुने पानी से धुलना है। गुनगुने पानी में अगर नीम की पत्तियां उबालकर उसी पानी से फफोले व कीड़े काटने वाली जगह को धुला जाए तो यह और जल्दी फायदा करेगा।
ध्यान रखने योग्य बातें!
नीम, एलोवेरा और हल्दी जैसे उपाय तो बाद में करने के लिए हैं लेकिन कीड़ा काटने के तुरंत बाद सबसे पहले डेटॉल या किसी बढ़िया साबुन से इन्फेक्शन वाली जगह पर तुरंत साफ करना चाहिए। हाइड्रोजन पराक्साइड का उपयोग भी कर सकते हैं। फफोले पड़ने के बाद उसे छेड़ें नहीं और न ही फोड़ें। खाने में तैलीय पदार्थ कुछ दिन के लिए बंद कर दें।
ऊपर लिखे यह उपाय जलने या जूता काटने पर फफोले पड़ने पर भी रामबाण हैं लेकिन 2 से 3 दिनों में अगर कोई आराम नहीं दिख रहा तो त्वचा संबंधी (डर्मेटोलॉजिस्ट) डॉक्टर को दिखाएं।