पवन सिंह विवाद के बाद ट्रोलिंग का शिकार हुईं अंजलि राघव ने हाल ही में वृंदावन में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के आश्रम का रुख किया।

उनका सवाल सीधा और दिलचस्प था: "लोग मुझे ऑनलाइन ट्रोल कर रहे हैं, मीम्स बना रहे हैं। मैं उन्हें जवाब दूँ या नज़रअंदाज़ करूँ?"
क्या हुआ था पवन सिंह विवाद में?
बीते दिनों, लखनऊ के एक इवेंट में भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह द्वारा अंजलि राघव की कमर को बार-बार छूने का वीडियो वायरल हुआ था। इस घटना के बाद अंजलि ने इंडस्ट्री छोड़ने तक का मन बना लिया था। हालाँकि, बाद में पवन सिंह ने माफ़ी माँगी और अंजलि ने उन्हें माफ़ भी कर दिया।
लेकिन इस विवाद की कीमत अंजलि को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के रूप में चुकानी पड़ी। लगातार हो रही नकारात्मक टिप्पणियों और मीम्स से परेशान होकर ही उन्होंने अनिरुद्धाचार्य जी से मार्गदर्शन लेने का फैसला किया।
अनिरुद्धाचार्य जी ने दिया हाथी और कुत्ते वाला उदाहरण
अंजलि के सवाल का जवाब देते हुए अनिरुद्धाचार्य जी महाराज, जो अपने अतरंगी बयानों के लिए मशहूर हैं और पूकी बाबा के नाम से जाने जाते हैं, ने एक बेहद प्रभावशाली उदाहरण दिया:
"एक कहावत याद कर लो... हाथी चला बाजार, कुत्ते लगे हजार। हाथी अपनी मस्ती से जब चलता है ना तो कुत्ते भौं-भौं करते ही हैं। इसलिए कुत्तों को क्या जवाब देना। कुत्तों को जवाब देने की जरूरत नहीं है। अपनी मस्ती से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते चलने की जरूरत है।"
उन्होंने आगे कहा, "कभी लड़ाई-झगड़े में मत उलझो। कौन मीम्स बना रहा। कुछ भी कर रहा है। देख तो आपको ही रहा है।"
"लोग बोले बिना नहीं रह सकते, आपका काम है अच्छे काम करते रहना"
जब अंजलि ने कहा कि कई बार दिल में बेचैनी होती है, तो महाराज जी ने उन्हें और गहरी सीख दी:
"परेशान न होइए। अच्छे काम करते रहिए और आगे बढ़ते रहिए। लोगों ने किसे छोड़ा। क्या माता सीता को लोगों ने बोलने से छोड़ा? लोग खाए बिना रह सकते हैं लेकिन बोले बिना नहीं रह सकते। सीता मां को भी बोला लोगों ने। इसलिए उनका काम है आलोचना करना, बोलना और आपका काम है अच्छे काम करना। करते रहो।"
अंजलि को मिली शांति और नई ऊर्जा
अंजलि ने बताया कि वह पिछले 15 सालों से दिल्ली की रामलीला में माता सीता का रोल निभाती हैं, और वह पैसों के लिए नहीं बल्कि श्रद्धा के लिए ऐसा करती हैं। ट्रोलिंग से होने वाले दुख के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अनिरुद्धाचार्य जी की बातें सुनकर उन्हें शांति मिली है।
महाराज जी की सलाह के बाद अंजलि ने रामलीला में माता सीता का एक डायलॉग भी सुनाया और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
ट्रोलिंग से निपटने के 3 प्रैक्टिकल टिप्स
- अनिरुद्धाचार्य जी की सलाह का पालन करें: ट्रोल्स को नज़रअंदाज़ करें और अपने लक्ष्य पर फोकस करें।
- भावनात्मक रूप से मजबूत रहें: याद रखें कि लोगों की बोलने की आदत उनकी समस्या है, आपकी नहीं।
- अपने काम पर ध्यान दें: ट्रोल्स के जवाब देने में समय बर्बाद करने के बजाय अपने काम को बेहतर बनाने पर ध्यान दें।
अंतिम विचार
अंजलि राघव की यह कहानी हमें सिखाती है कि सोशल मीडिया की नकारात्मकता हमारे मन की शांति और हमारे लक्ष्यों में बाधा नहीं बन सकती। अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की सलाह न सिर्फ सेलेब्रिटीज़ बल्कि आम लोगों के लिए भी उतनी ही प्रासंगिक है।
अगर आप भी कभी ऑनलाइन ट्रोलिंग का शिकार होते हैं, तो याद रखें - हाथी की तरह अपने रास्ते चलते रहें, कुत्तों के भौंकने से विचलित न हों।
 
