Hingot or Ingoriya : हिंगोट या इंगोरिया एक ऐसा फल जो कई गम्भीर बीमारियों में है फायदेमंद

आपने कई बार मध्यप्रदेश के गौतमपुर में होने वाले पारंपरिक "हिंगोट युद्ध" के बारे में सुना होगा जिसमे एक फल के अंदर बारूद भरकर उसे दुश्मनों पर इस्तेमाल किया जाता था, युद्ध से इतर उस फल के होने वाले लाभ जो आमजन के लिए अत्यंत फायदेमंद है हिंगोल या इंगोरिया का फल अनेकों बीमारियों में लाभप्रद है। इसे विज्ञान की भाषा में 'Ferula assa-foetida' नाम से जाना जाता है।

Hingot or Ingoria Fruits Benifits

'हिंगोट' का फल स्वाद के तो काफी कड़वा होता है इसके पीछे का कारण औषधीय गुणों से युक्त होना है यह अपने आयुर्वेदिक औषधि गुणों से युक्त होने की वजह से कई गम्भीर बीमारियों में सहायक है इस लेख में पढ़ेंगे कि इस फल के अद्भुत प्रयोग से किस तरह से अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं।

हिंगोट का वृक्ष या फल (Hingot Tree And Fruits)

इंगोरिया का फल नींबू के साइज का या अंडाकार होता है यह बाहरी तौर पर नारियल की तरह मजबूत और अंदर गुदेदार होता है।

hingot or Ingoriya fruits

इसका वृक्ष भारत में सबसे ज्यादा कम वर्षा वाले दक्षिणी क्षेत्रों में पाया जाता है पेड़ की लंबाई लगभग 33 फीट के आसपास होती है और इसके फल के स्वाद की बात करें तो थोड़ा कड़वा और तीखी होता है। इस वृक्ष का प्राचीन काल के ग्रंथो में उल्लेख मिलता है जिसका संस्कृत और हिन्दी में 

  • तापसद्रुम
  • हिंगुपुत्र
  • इंगुदी
  • हिंगोनिया 
  • हिंगोरिया
  • हिंगुर
  • हिंगोरा

नाम से जाना जाता है यह फल आसानी से नील गाय के क्षेत्र में मिल जाता है क्योंकि यह इसके लिए प्रिय भोजन है।

हिंगोट फल के गुण

hingot ka beej athva giri

हिंगोट फल के दो भाग होते हैं पहला भाग इसका गूदा या पल्प जो कि चिपचिपा होता है और दूसरा इस फल का बीज जिसे आयुर्वेदिक भाषा में गिरी भी कहा जाता है। इसे आयुर्वेद में क्रमिनाशक, कुष्ठनाशक और कफनाशक बताया गया है इसके उपयोग से पेट, त्वचा व कई स्वास्थ्य सम्बन्धी व्याधियों में अत्यंत उपयोगी माना जाता है।

हिंगोट का फल इन बीमारियों के लिए है रामबाण

इसके फल का पल्प या गूदा त्वचा विकार सम्बन्धी रोगों जैसे कुष्ठ, झाइयां, सफेद दाग व कील मुंहासों के इलाज में किया जाता है वहीं इसके गिरी या बीज का उपयोग मधुमेह(Diabetes), पेट की कब्ज, मंदाग्नि व पुरानी खांसी तथा स्वशन की बीमारियों में होता है। आइए जानते हैं कि किन किन बीमारियों में किस प्रकार से इस फल का इस्तेमाल करना चाहिए।

कब्ज की समस्या के लिए रामबाण औषधि

पेट की अग्नि का कमजोर होना तथा आंतों की दुर्बलता होने से कब्ज की स्थिति उत्पन्न होती है हिंगोट का फल पेट की समस्याओं को चुटकियों में ठीक करने की क्षमता रखता है यदि आप को कब्ज की शिकायत है तो आप इस फल के गूदे(पल्प) को दही में मिलाकर 7 दिनों तक लगातार सेवन करने से कब्ज का निदान होता है अगर आपको ब्लड Sugar लेवल कंट्रोल करना है तो यह एक बेहतर उपाय हो सकता है।

hingot giri churan

कब्ज के लिए इसके गिरी का चूर्ण आरंभ के 3 दिनों में 3 ग्राम सुबह और शाम भूखे पेट और बाकी के 4 दिवस में 5 ग्राम की मात्रा दो बार लेनी है पहले 3 दिन हो सकता है कि पेट में जलन बढ़ सकती है किंतु 7 दिवस पूर्ण होते ही यह बीमारी को जड़ से खत्म करता है।

लंबे समय से खांसी और गले की खरास के लिए औषधि

पुरानी खांसी अथवा फेफड़ों से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए हिंगोट या इंगोरिया का फल अत्यंत लाभदायक है इसमें कफनासक गुण पाया जाता है यह फेफड़े के कफ को मृदु या पतला कर उसे फेफड़े की दीवारों से हटाकर उसका शमन करता है।

काली खांसी, फेफड़े में कफ का जमना या स्वांस नली में सूझन हो इत्यादि के लिए हिंगोट के फल के गूदे की एक एक ग्राम की गोलियां बनाकर दिन में एक बार भोजन के बाद 21 दिनों तक सेवन करने से इन सब बीमारियों का शमन होता है।

मधुमेह(डायबिटीज) या Blood Sugar के लिए औषधि

इस बीमारी के लिए आरंभ में हिंगोट की गिरी का चूर्ण 3 दिनों तक एक से डेढ़ ग्राम और फिर 3 से 4 ग्राम तक भोजन करने के पश्चात 24 घंटे में 2 बार गुनगुने पानी के साथ लेना है 14 दिनों तक लगातार लेनी है।

आंखों से पानी आने की समस्या दूर करता है हिंगोट

कई बार कुछ लोगों को पढ़ते समय या मोबाइल अथवा टी वी के इस्तेमाल के समय आंख से आंसू निकलने लगते हैं ऐसे में हिंगोट के फल के पल्प को पानी में घिसकर काजल की भांति लगाएं ध्यान रहे कि फल के गूदे का ठोस पदार्थ आंख में न जाने पाएं, लगाते वक्त सावधानी बरतें इस विधि से अवश्य आराम मिलेगा।

त्वचा रोगों में अत्यंत लाभकारी है हिंगोट का फल

यदि स्किन में जलन होती है या फिर कई बार महिलाएं रसोईघर में जल जाती हैं ऐसे में हिंगोट की गुठली या गिरी का तेल अत्यन्त लाभकारी है। झाइयां या मुंहासे, इसके पल्प में शहद मिलाकर लगाने से ठीक होती हैं लगाने की विधि कम से कम आधे घंटे चेहरे पर लगाएं और फिर मुंह धो लें।

कील और मुंहासे के लिए रामबाण फल हिंगोट

युवाओं से लेकर अधेड़ उम्र तक चेहरे की इन समस्याओं से जूझते रहते हैं इसके लिए हिंगोट फल से बनाया हुआ खास नुस्खा इस्तेमाल कर सकते हैं हिंगोट फल के गूदे को ठंडे पानी में मिलाकर चेहरे माथे पर लगाने से कुछ दिनों में ही इस समस्या से निजात मिलती है।

पपीते के पल्प और हिंगोट के पल्प एवम हल्दी पाउडर मिलाकर एक पेस्ट बना लें और फेस में अप्लाई करें चेहरे की त्वचा की अनेकों समस्याओं को जड़ से उखाड़ फेंकेगा यह उपाय, आप हिंगोट के फल का इस्तेमाल वैदिकी सलाह मशविरे से करेंगे तो उत्तम परिणाम मिलने के आसार हैं कुष्ठ जैसी असाध्य बीमारियों में भी यह अत्यंत लाभकारी है।

निष्कर्ष:

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हिंगोट विभिन्न औषधीय गुणों वाला फल है जरूरी नहीं है कि इसका इस्तेमाल दवाई के रूप में ही किया जाए बल्कि रोजमर्रा के जीवन में बतौर हेल्थ सप्लीमेंट उपयोग कर सकते हैं। खाने में जैसे इसकी चटनी बनाकर शामिल कर सकते हैं यह शरीर को लाभ के साथ बढ़िया टेस्ट भी प्रदान करेगा।

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Amit Mishra

By Amit Mishra

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