गंजे सिर पर भी बाल उगाने वाला एक विषैला पौधा! जानिए इसका चमत्कारी राज

हालिया रिपोर्ट में भारत में पिछले कुछ सालों में लगभग 50 प्रतिशत युवा बालों की समस्याओं से जूझ रहे हैं अब तो यह समस्या बहुत आम हो चुकी है, प्लाज्मा थेरेपी से लेकर हेयर ट्रांसप्लांट के अलावा हजारों महंगे इलाज और उत्पाद बाजार में उपलब्ध है लेकिन कितने कारगर हैं यह कह पाना मुश्किल है।

गंजे सिर पर भी बाल उगाने वाला GUNJA KA PAUDHA! जानिए इसका चमत्कारी राज

लेकिन, एक ऐसा विषैला पौधा भी है, जो सही तरीके से इस्तेमाल करने पर गंजे सिर पर भी नए बाल उगा (Hair Regrowth Remedy) सकता है? हम बात कर रहे हैं लाल गुंजा (Red Gunja Benefits) के पौधे की, जो अपने अनोखे औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। आगे पढ़िए विस्तार से इसके बारे में।

लाल गुंजा या रत्ती का पौधा (Abrus precatorius)

लाल गुंजा एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है जो अपने विशिष्ट गुणों के कारण आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान रखता है यह लाल, सफेद और काले रंग का होता है, वैसे तो इसके अनेकों फायदे हैं लेकिन हम लाल वाले गूंजा की बात बालों से संबंधित परेशानियों की दवा के रूप में जानेंगे।

लाल गुंजा या रत्ती का पौधा

  • Lal Gunja ka Paudha का आकार बेलनुमा, जिसमें छोटे चमकदार लाल बीज होते हैं।
  • इसके बीज स्वभाव से अत्यंत विषैले होते हैं और उपयोग के पहले आयुर्वेदिक पद्धति से इसे विषमुक्त किया जाता है।

लाल गुंजा बालों के वरदान

लाल गुंजा बालों की विभिन्न समस्याओं को दूर करता है बस इसका उपयोग सही ढंग से किया जाना चाहिए।

  • स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाकर बालों की जड़ें मजबूत करता है।
  • स्कैल्प की मरी हुई त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाता है, जिससे रूसी, रूखापन और अन्य समस्याएं दूर हो जाती हैं।
  • सोए हुए हेयर फॉलिकल्स को फिर से एक्टिव करता है जिससे दोबारा बाल उगने लगते हैं।
  • बालों को जरूरी पोषक तत्व प्रदान कर घना और मजबूत बनाता है।
  • इसकी विषाक्तता दूर कर उपयोग लायक बनाना
  • चूंकि लाल गुंजा के बीज विषैले होते हैं, इसलिए इन्हें शुद्ध करना बेहद जरूरी होता है। आयुर्वेद में इसे उपयोग लायक बनाने के लिए इन स्टेप्स का पालन करना चाहिए।
  • इसके बीज को मिट्टी के पात्र में रखना चाहिए, बीजों को गोमूत्र में कुछ तक डूबे रहने देते हैं इसके बाद बीजों को धूप में सुखाकर उनका बाहरी छिलका निकाला जाता है।
  • छिलके को हटाने के बाद साफ पानी से धुलना चाहिए और फिर सुखाकर नियमानुसार अपनी दवा में इस्तेमाल करना चाहिए।

नोट: बिना शुद्धिकरण के लाल गुंजा के प्रयोग के अनेकों गंभीर परिणाम हो सकते हैं जो आपके शरीर को नुकसान करेंगे।

लाल गुंजा का बालों के लिए प्रयोग विधि

यदि आप लाल गुंजा का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इन तरीकों को अपना सकते हैं।

  • शुद्ध लाल गुंजा बीजों को तिल या नारियल तेल में धीमी आंच पर पकाएं और फिर उस तेल को ठंडा करके स्कैल्प पर रात में सोने के पहले हल्की मालिश करें और सुबह किसी हर्बल शैंपू से धो लें, यह प्रक्रिया सप्ताह में दो से तीन बार करना है।
  • शुद्ध बीजों को सुखाकर मिक्सर में पीस लें फिर इसे आंवला और भृंगराज पाउडर के साथ पानी मिलाकर एक पेस्ट या गैर पैक तैयार कर सप्ताह में एक बार स्कैल्प पर लगाएं, बेहतर परिणाम के लिए बालों को छोटा या गंजे हो जाएं जिससे स्कैल्प पर असर ज्यादा अच्छा होगा।

लाल गुंजा से (Lal Gunja ke Fayde) बालों के लिए होने वाले बेनिफिट्स

लाल गुंजा नियमित और सही विधि, मात्रा के उपयोग से बाल और स्कैल्प संबंधित अनेकों समस्याओं को छूमंतर कर सकते हैं। 

  • बालों के झड़ना कम करता है तथा साथ ही जरूरी पोषक तत्वों को पूरा कर मजबूत, सुरक्षित और घना बनाता है।
  • स्कैल्प में blood circulation के साथ बंद रंध्रों को खोलता है जिससे नए बाल के विकास में सहायक होता है।
  • स्कैल्प को स्वस्थ बनाकर डैंड्रफ कम करता है, बालों को मजबूत और शाइनी बनाता है।

निष्कर्ष: जहर से जड़ी-बूटी तक का सफर

लाल गुंजा एक ऐसा पौधा है जो विषैला होते हुए भी आयुर्वेदिक शुद्धिकरण से औषधीय रूप में बदलकर गंजेपन जैसे जटिल समस्या का प्राकृतिक समाधान बन सकता है। अगर आप भी बालों के लिए प्राकृतिक और आयुर्वेदिक इलाज चाहते हैं, तो इस पौधे को सही जानकारी और विशेषज्ञ के परामर्श से आजमाएं। उत्तम तरीके से अपनाया जाए तो जहर भी जीवनदायी अमृत बन सकता है।

Support Us

भारतवर्ष की परंपरा रही है कि कोई सामाजिक संस्थान रहा हो या गुरुकुल, हमेशा समाज ने प्रोत्साहित किया है, अगर आपको भी हमारा योगदान जानकारी के प्रति यथार्थ लग रहा हो तो छोटी सी राशि देकर प्रोत्साहन के रूप में योगदान दे सकते हैं।

Amit Mishra

By Amit Mishra

नमस्कार! यह हमारी टीम के खास मेंबर हैं इनके बारे में बात की जाए तो सोशल स्टडीज में मास्टर्स के साथ ही बिजनेस में भी मास्टर्स हैं सालों कई कोचिंग संस्थानों और अखबारी कार्यालयों से नाता रहा है। लेखक को ऐतिहासिक और राजनीतिक समझ के साथ अध्यात्म,दर्शन की गहरी समझ है इनके लेखों से जुड़कर पाठकों की रुचियां जागृत होंगी साथ ही हम वादा करते हैं कि लेखों के माध्यम से अद्वितीय अनुभव होगा।

Related Posts

Post a Comment