भारत बनाम पाकिस्तान एशिया कप 2025: शिवसेना ने क्यों किया सिंदूर विरोध? जानें पूरा विवाद

एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले सबसे बड़े क्रिकेट मुकाबले से पहले मुंबई की सड़कों पर एक अलग ही खेल देखने को मिल रहा है।

भारत बनाम पाकिस्तान एशिया कप 2025 शिवसेना ने क्यों किया

यह खेल नहीं, बल्कि राजनीति और देशभक्ति की पिच है जहाँ उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना यूबीटी ने सिंदूर लगाकर विरोध प्रदर्शन किया है।

क्या है पूरा मामला? समझें शुरुआत से

रविवार को मुंबई में शिवसेना यूबीटी के कार्यकर्ताओं ने एक अनूठे तरीके से विरोध जताया। उन्होंने सिंदूर लगाकर यह संदेश दिया कि खेल और रक्तरंजित संबंधों वाले देश के साथ क्रिकेट नहीं खेला जाना चाहिए।

"खून और पानी साथ नहीं बह सकते, तो क्रिकेट और खून कैसे बह सकते हैं साथ में?" - उद्धव ठाकरे ने इस सवाल के साथ बीजेपी पर निशाना साधा।

पार्टी ने इस विरोध को सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक पहुँचाया। सबसे चौंकाने वाला कदम था शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का एक पुराना वीडियो रिलीज करना, जिसमें वे साफ़ शब्दों में कह रहे हैं कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेला जाना चाहिए।

LIVE प्रसारण रोकने की मांग: क्या है पत्र की कहानी?

शिवसेना यूबीटी ने सिर्फ विरोध प्रदर्शन तक ही अपने आप को सीमित नहीं रखा। पार्टी नेता आनंद दुबे ने प्रसारणकर्ता कंपनी सोनी पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड को एक आधिकारिक पत्र लिखकर मैच के LIVE प्रसारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

पत्र में साफ़ कहा गया है: "हम आपसे दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में होने वाले भारत-पाकिस्तान एशिया कप 2025 मैच के सीधे प्रसारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करते हैं। इस मैच का भारत में प्रसारण नहीं होना चाहिए।"

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: किसने क्या कहा?

इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं:

नेता पार्टी रुख
उद्धव ठाकरे शिवसेना यूबीटी कड़ा विरोध
असदुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम सवाल उठाए
नितेश राणे अन्य मजाक उड़ाया

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश एक प्रतिद्वंद्वी देश के साथ खेल क्यों खेल रहा है।

क्रिकेट और राजनीति: कहाँ खींची जाती है लकीर?

यह पहली बार नहीं है जब भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच राजनीतिक विवाद में घिरा है। इतिहास गवाह है कि दोनों देशों के बीच खेल और राजनीति का रिश्ता हमेशा से जटिल रहा है।

  • 1999 कारगिल युद्ध: कारगिल युद्ध के दौरान भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंध पूरी तरह से ठप्प हो गए थे।
  • 2008 मुंबई हमले: 26/11 के हमलों के बाद द्विपक्षीय क्रिकेट श्रृंखला पर लंबे समय तक रोक रही।
  • वर्तमान स्थिति: आतंकवाद और सीमा पार घुसपैठ के मुद्दे अब भी द्विपक्षीय संबंधों में बाधक हैं।

आम क्रिकेट प्रेमी क्या सोचता है?

एक तरफ जहाँ राजनीतिक दल अपने-अपने राजनीतिक एजेंडे चला रहे हैं, वहीं आम क्रिकेट प्रेमी इस विरोधाभास में फंसा हुआ है:

  1. खेल के प्रति प्यार: क्रिकेट प्रेमी दोनों देशों के बीच रोमांचक मुकाबला देखना चाहते हैं।
  2. देशभक्ति की भावना: आतंकवाद और दुश्मनी की भावना के चलते पाकिस्तान के साथ खेलने पर मन में संदेह होता है।
  3. राजनीति से अलग: ज्यादातर प्रशंसक चाहते हैं कि खेल को राजनीति से अलग रखा जाए।

निष्कर्ष

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं, राजनीति और इतिहास का एक जटिल मिश्रण बन चुका है। शिवसेना यूबीटी का यह विरोध प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि खेल और राजनीति के बीच की रेखा धीरे-धीरे धुंधली होती जा रही है। आप इस विषय पर क्या सोचते हैं? कमेंट सेक्शन में अपनी राय जरूर साझा करें।

Support Us

भारतवर्ष की परंपरा रही है कि कोई सामाजिक संस्थान रहा हो या गुरुकुल, हमेशा समाज ने प्रोत्साहित किया है, अगर आपको भी हमारा योगदान जानकारी के प्रति यथार्थ लग रहा हो तो छोटी सी राशि देकर प्रोत्साहन के रूप में योगदान दे सकते हैं।

Sumit Mishra

By Sumit Mishra

A passionate digital creator with 13+ years of IT experience, I specialize in full-stack development, mobile apps, graphic design, writing, editing, content creation, and seo, along with advanced programming. My expertise includes frontend and backend frameworks, databases, cloud computing, cybersecurity, and emerging technologies like AI and machine learning. This versatile technical expertise enables me to deliver secure, scalable, and innovative digital solutions. Beyond technology, I enjoy creating music, combining creativity with logic in every aspect of life.

Related Posts

Post a Comment