SSC का सख्त नोटिस: एग्ज़ाम के बाद पेपर डिस्कशन पर 10 साल जेल और ₹1 करोड़ जुर्माना!

यूट्यूब और सोशल मीडिया के माध्यम से पढ़ा रहे टीचर के लिए बुरी खबर है क्योंकि हाल में Staff Selection Commission (SSC) ने एक नोटिस जारी करके चेतावनी जारी की है कि अगर एसएससी परीक्षा से संबंधित प्रश्न पत्रों को सोशल मीडिया पर किसी छात्र, टीचर या कंटेंट क्रिएटर द्वारा डिस्कशन होता है तो उसे भारी जुर्माना और सजा भुगतना पड़ सकता है।

SSC का सख्त नोटिस: एग्ज़ाम के बाद पेपर डिस्कशन पर 10 साल जेल और ₹1 करोड़ जुर्माना!

हाल ही के महीने में करीब 1500 छात्र और टीचर (नीतू मैम,अभिनव मैथ्स,राकेश यादव) ने आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर परीक्षा को पारदर्शी कराने की मांग की थी। आखिर क्या लिखा है इस हालिया नोटिस में इस पर चर्चा करते हैं।

नोटिस में क्या लिखा है?

जारी किए हुए नोटिस में कहा गया है कि आयोग के संज्ञान में आया है कि सोशल मीडिया (Facebook, Instagram, Youtube) पर पेपर से संबंधित विषयों पर डिस्कशन, आंसर की और एनालिसिस चल रहा है जो कि Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024 का उल्लंघन है ऐसा करने पर इन दंड और जुर्माने का प्रावधान है।

8 सितंबर 2025 को SSC की ऑफिशियल वेबसाइट द्वारा जारी नोटिस!

  • व्यक्ति विशेष के उल्लंघन करने पर उसे 3 से 5 वर्ष का कारावास और ₹10 लाख का जुर्माना हो सकता है।
  • किसी संस्था या कोचिंग द्वारा इसका उल्लंघन करने पर ₹1 करोड़ तक का जुर्माना और यदि स्टूडेंट है तो भविष्य के एग्जाम में बैन कर दिया जाएगा।
  • संगठित लोगों द्वारा इसके नियम तोड़ने पर एक करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि और 5 से 10 साल की सजा भुगतना पड़ सकता है।

SSC का मकसद

कर्मचारी चयन आयोग द्वारा साफतौर पर कहा गया है कि यह परीक्षा व्यवस्था को साफ सुदृढ़ व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम है। यह फैसला विद्यार्थियों के हित में हैं क्योंकि इस तरह के मामले से विद्यार्थी भ्रमित होते हैं और धोखाधड़ी के शिकार होते हैं। SSC ने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए उनकी वेबसाइट या हेल्पलाइन पर संपर्क करना चाहिए।

सोशल मीडिया पर हंगामा 

स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के द्वारा CGL,CHSL,MTS,GD Constable,CPO SI,Junior Engineer,Stenographer और Selection Post पदों को भरा जाता है जिसमें हर साल सब मिलाकर लगभग डेढ़ से दो करोड़ आवेदन कर्ता शामिल होते हैं। सोशल मीडिया में विद्यार्थी, टीचर काफी नाखुश हैं और वह इसका विरोध कर रहे हैं। कुछ ने तो आयोग को तानाशाह कहा है।

नतीजा 

आयोग ने इस फैसले को जहां विद्यार्थियों के हित में बताया है वहीं कोचिंग संस्थापक और ऑनलाइन टीचर के साथ कई स्टूडेंट के सवाल हैं कि पेपर होने के बाद ऑनलाइन पोर्टल पर डिसकस करने में क्या बुराई है बहरहाल नोटिस के अनुसार विद्यार्थियों और कंटेंट क्रिएटर्स को नियम के उल्लंघन से बचना चाहिए जब तक कि कमीशन द्वारा आगे कोई नई नोटिस नहीं आ जाती। वैसे आप क्या सोचते हैं इस बारे में कमेंट में बताएं।

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Amit Mishra

By Amit Mishra

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