नेपाल में पिछले कई दिनों से जनरेशन जेड द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था, सोशल मीडिया प्रतिबंध बहाल से लेकर भ्रष्टाचार मुक्त नेपाल उनकी मांगें थी। वहां की केपी ओली शर्मा सरकार ने प्रोटेस्ट को हल्के में लिया और समय रहते हल नहीं निकाला।

बीते कुछ दिनों में सरकार और प्रोटेस्टर के बीच तनातनी हुई और लगभग 50 से 55 लोग मारे गए और परिणाम यह हुआ कि भीषण विद्रोह हुआ और संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट आग के हवाले कर दिया गया, प्रधानमंत्री इस्तीफा देकर देश छोड़कर भाग गए। अब मामला शांत लग रहा है और GEN Z ने Sushila Karki को प्रधानमंत्री बनने के पक्ष में वोट किया है,12 सितंबर को वह शपथ लेंगी।
सुशीला कार्की, नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस
सुशीला जी नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय में 2016 से 2017 तक पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रहीं हैं। नेपाल के मोरांग जिले से ताल्लुक रखने वाली कार्की 7 भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं उनका जन्म 07 जून 1952 को हुआ था। उनकी शिक्षा का संबंध भारत से रहा क्योंकि बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस से M.A की उपाधि प्राप्त की। इनके ऊपर महाभियोग लगा था और यह 2017 में बर्खास्त हो गई थी।

कार्यवाहक प्रधानमंत्री की प्रक्रिया
नेपाल का संविधान में आर्टिकल 76(3) अंतरिम प्रधानमंत्री या सरकार चुनने की अनुमति देता है लेकिन उसके लिए चुना हुआ प्रधानमंत्री इस्तीफा दे चुका हो या उनकी मृत्यु हो गई हो। ऐसे में सरकार चलाने के लिए एक अस्थाई पीएम चुना जाता है। इस पद के लिए व्याहारिक तौर पर नॉन पॉलिटिकल बैकग्राउंड का व्यक्ति चुना जाता है.
अंतरिम पीएम को 30 दिन के अंदर संसद में विश्वास मत हासिल करना पड़ता है। और वह अपने पद पर 6 महीने तक बना रह सकता है। बहरहाल नेपाल की स्थिति में सारी बातें ठीक हैं। एक नजरिए के तौर पर देखा जाए तो सुशीला कार्की के प्राइम मिनिस्टर बनने के बाद न्यायपालिका और कार्यपालिका के मध्य एक मद्धम लकीर का फर्क रह जाएगा।
सुशीला कार्की के लिए चुनौतियाँ
73 वर्षीय कार्की ने राजनीति विषय से पढ़ाई की है और उनके परिवार का बैकग्राउंड भी पॉलिटिकल रहा है। लेखक होने की वजह से उन्हें हर मुद्दे की बारीकी खंगालना अनुभव का एक हिस्सा होगा ऐसे में सरकार चलाना मुश्किल काम नहीं है लेकिन हां इस समय जो मुख्य मुद्दे हैं कि संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्थाओं का इंफ्रा पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है.
कानून व्यवस्था तो हताहत करने वाली है क्योंकि नेपाल की जेलों से 13000 कैदी फरार हो चुके हैं, आर्थिक संकट के साथ भारत और चीन जैसे पड़ोसी देशों से पारस्परिक संबंध की डिप्लोमेसी जैसे कई गंभीर मुद्दे हैं। और अगर वह 6 महीने में इनको सॉल्व नहीं करती हैं तो GEN Z का आंदोलन असफल हो जाएगा।
नेपाल की राजनीति में महिला नेतृत्व की अहमियत
नेपाल के इतिहास में पहली बार है जब कोई अस्थाई पीएम महिला है और यह एक लिंग समानता के लिए सकारात्मक पहलू है सुशीला कार्की का उदय नेपाल के लोकतंत्र का परीक्षण है। यह महिलाओं, युवाओं और न्याय की ताकत को दिखाता है। कार्की नया अध्याय लिखेंगी, या इतिहास दोहराएगा? कमेंट में बताओ!