दिवाली के जश्न से पहले दर्शकों के सामने एक नई साउथ इंडियन फिल्म आई है - 'डूड'। प्रदीप रंगनाथन अभिनीत इस रोमांटिक कॉमेडी को लेकर फैंस काफी उत्साहित थे

लेकिन जब फिल्म रिलीज़ हुई तो ज़्यादातर दर्शकों की प्रतिक्रिया नकारात्मक रही। सोशल मीडिया पर तो एक फैन ने इसे "स्टुपिड कॉन्सेप्ट" तक कह डाला।
डूड मूवी को लेकर दर्शकों की क्या है राय?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर फिल्म के फर्स्ट रिव्यू आने शुरू हो गए हैं, और अधिकतर दर्शक इसके सेकंड हाफ से विशेष रूप से नाखुश नज़र आ रहे हैं।
AllAboutMovies हैंडल से आए एक रिव्यू में कहा गया, "पहला भाग ठीक-ठाक था, लेकिन दूसरा भाग एक बेतुके कॉन्सेप्ट के साथ। प्रदीप रंगनाथन को एक ही तरह के सहानुभूति वाले किरदार निभाना बंद कर देना चाहिए। कहानी और पटकथा तर्कहीन और घटिया है।"
हालाँकि, कुछ दर्शकों ने फिल्म के पहले हाफ की सराहना भी की है। Millionaire नामक यूजर ने लिखा:
"ड्यूड का पहला भाग युवा भावना से भरपूर और पूरी तरह से मनोरंजक है – ताजा प्रस्तुति दर्शकों को लगातार अनुमान लगाने पर मजबूर करती है, जिसमें प्रदीप रंगनाथन शैली के कई क्षण शामिल हैं।"
डूड मूवी की कहानी क्या है?
डूड दो आजीवन दोस्तों की मार्मिक कहानी है, जिनके अटूट रिश्ते की कड़ी परीक्षा होती है। जीवन जैसे-जैसे उनके सामने अप्रत्याशित चुनौतियाँ लाता है, वे व्यक्तिगत विकास, कठिन निर्णयों और जीवन की असली priorities को फिर से परिभाषित करने की एक शक्तिशाली यात्रा पर निकल पड़ते हैं।
फिल्म की मुख्य कहानी एक ऐसे जोड़े के इर्द-गिर्द घूमती है जो शुरुआत में कभी किसी से प्यार नहीं करते। लेकिन परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बनती हैं कि दोनों एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं।
मुख्य कलाकार और निर्माण विवरण
- मुख्य भूमिका में: प्रदीप रंगनाथन, ममिथा बैजू, आर. सरथ कुमार और ऐश्वर्या शर्मा
- निर्माण: माइथ्री मूवी मेकर्स
- अनुमानित बजट: लगभग 40 करोड़ रुपये
प्रदीप रंगनाथन ने इस फिल्म में एक ऐसे युवक की भूमिका निभाई है जो बेहद खुले विचारों वाला है। फिल्म की शैली और presentation कुछ ऐसी है कि दर्शकों को 90 के दशक की यादें ताजा हो सकती हैं।
डूड मूवी की मुख्य समस्याएँ क्या हैं?
दर्शकों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर, फिल्म की मुख्य चुनौतियाँ इस प्रकार हैं:
समस्या | विवरण |
---|---|
कहानी की स्थिरता | पहले और दूसरे हाफ के बीच तालमेल की कमी |
किरदारों की एकरूपता | प्रदीप रंगनाथन का एक ही तरह के किरदार निभाना |
तर्कहीन पटकथा | कहानी में तार्किकता का अभाव |
भावनात्मक संबंध | दर्शकों से जुड़ाव स्थापित करने में असफल |
डूड मूवी देखने से पहले जान लें ये बातें
अगर आप डूड मूवी देखने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
- पहला हाफ मनोरंजक और युवाओं के लिए relatable है
- दूसरा हाफ कहानी की दृष्टि से कमजोर लग सकता है
- प्रदीप रंगनाथन के फैंस को उनका एक्टिंग स्टाइल पसंद आ सकता है
- 90s की नॉस्टैल्जिया को enjoy करने वालों के लिए अच्छा विकल्प
डूड मूवी के सकारात्मक पहलू
कुछ दर्शकों ने फिल्म के इन पहलुओं की सराहना की है:
- युवा energy और भावनाओं का सही चित्रण
- प्रदीप रंगनाथन की एक्टिंग में नई ऊर्जा
- पहले हाफ की मनोरंजक presentation
- दोस्ती के रिश्ते की भावनात्मक गहराई
निष्कर्ष: क्या डूड मूवी देखने लायक है?
डूड मूवी एक ऐसी फिल्म है जो अपने पहले हाफ में दर्शकों को बांधने में सफल रहती है, लेकिन दूसरे हाफ में कहानी के तार्किक पतन के कारण निराश कर सकती है। अगर आप प्रदीप रंगनाथन के फैन हैं या हल्की-फुल्की रोमांटिक कॉमेडी देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक विकल्प हो सकती है। हालाँकि, अगर आप कहानी में गहराई और तार्किकता की उम्मीद करते हैं, तो हो सकता है आपको थोड़ी निराशा हो। [स्रोत के अनुसार], फिल्म निर्माताओं को अगली बार कहानी और पटकथा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि दर्शकों को पूरी तरह से संतुष्ट किया जा सके।