नवरात्रि नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, मंत्र, आरती और भोग | सिद्धि प्राप्ति का शुभ दिन

कल्पना कीजिए एक ऐसी शक्ति की जो आपको वह सब कुछ प्रदान कर सकती है जिसकी आपने कभी कामना की हो... वह शक्ति है मां सिद्धिदात्री

नवरात्रि नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, मंत्र, आरती और भोग | सिद्धि प्राप्ति का शुभ दिन

शारदीय नवरात्रि के इस नौवें और अंतिम दिन (1 अक्टूबर 2025, बुधवार) को मां दुर्गा के नौवें स्वरूप की पूजा का विशेष महत्व है। यह वह दिन है जब आध्यात्मिक साधना का फल मिलता है और असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।

[स्रोत के अनुसार] मार्कंडेय पुराण में कहा गया है कि मां सिद्धिदात्री की कृपा से भगवान शिव ने ही अर्धनारीश्वर का रूप प्राप्त किया था। यही कारण है कि इन्हें सभी सिद्धियों की दात्री कहा जाता है।

नवमी का शुभ रंग और महत्व

नवरात्रि के इस नौवें दिन दो रंग विशेष रूप से शुभ माने गए हैं:

  • लाल (Red): यह रंग ऊर्जा, शक्ति और साहस का प्रतीक है। इसे पहनने से मां का आशीर्वाद तेजी से प्राप्त होता है।
  • नारंगी (Orange): यह रंग सफलता, समृद्धि और नई शुरुआत का द्योतक है। यह साधक के मन में नई उमंग और उत्साह भर देता है।

इन रंगों के वस्त्र धारण करने से आपका व्यक्तित्व मां के और करीब हो जाता है और पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि और मुख्य मंत्र

नवमी के दिन पूजा करने का एक विशेष क्रम होता है। सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर पूजा स्थल को स्वच्छ करके एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

प्रमुख पूजा मंत्र:

इस दिन इन मंत्रों का जप अवश्य करें:

  1. मुख्य बीज मंत्र: इस मंत्र का 21, 51 या 108 बार जप करने से अद्भुत लाभ मिलता है। > 'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे | ऊँ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा'

  2. सरल साधना मंत्र: यह मंत्र हर कोई आसानी से जप सकता है। > 'ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥'

इन मंत्रों के जप के साथ मां को लाल फूल, लाल चुनरी और सिंदूर अर्पित करना चाहिए।

विशेष भोग (नैवेद्य) क्या चढ़ाएं?

मां सिद्धिदात्री को चढ़ाया जाने वाला भोग बहुत ही विशेष होता है। [कालिका पुराण के अनुसार] इस दिन इन चीजों का भोग लगाना चाहिए:

  • नारियल जल: कांसे के पात्र में नारियल का पानी चढ़ाएं। यह शुद्धता और मंगल का प्रतीक है।
  • शहद: तांबे के बर्तन में शहद अर्पित करें। यह मधुर जीवन और मिठास का प्रतीक है।
  • गन्ने का रस (ईख): गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में मिठास और समृद्धि आती है।
  • कद्दू की बलि: पुराणों में इस दिन कद्दू की बलि देने का विधान है, जो बुराइयों का विनाश करती है।

इसके अलावा, हलवा, पूरी और चने का भोग भी मां को अत्यंत प्रिय है।

मां सिद्धिदात्री की आरती

पूजा के अंत में मां की आरती करनी चाहिए। यह आरती भक्ति और श्रद्धा से भरपूर होनी चाहिए।

जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता। तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि। तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम। जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।

तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है। तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।

नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त 2025

1 अक्टूबर 2025, बुधवार के दिन पूजा के लिए शुभ समय इस प्रकार है:

पूजा का समय अवधि
सुबह की पूजा 6:00 AM – 10:00 AM
दोपहर की पूजा 12:00 PM – 3:00 PM
संध्या आरती 6:30 PM – 8:00 PM

सुबह का समय सबसे अधिक शुभ माना जाता है।

आठ सिद्धियाँ कौन-सी हैं?

मां सिद्धिदात्री की कृपा से आठ प्रमुख सिद्धियाँ (Supernatural Powers) प्राप्त होती हैं:

  1. अणिमा: शरीर को अति सूक्ष्म रूप में परिवर्तित करने की शक्ति।
  2. महिमा: शरीर को विशालकाय रूप देने की शक्ति।
  3. गरिमा: अत्यधिक भारी होने की शक्ति।
  4. लघिमा: हल्के पंख के समान होने की शक्ति।
  5. प्राप्ति: किसी भी वस्तु को प्राप्त करने की शक्ति।
  6. प्राकाम्य: किसी भी इच्छा की पूर्ति की शक्ति।
  7. ईशित्व: सृष्टि पर नियंत्रण की शक्ति।
  8. वशित्व: सभी प्राणियों को वश में करने की शक्ति।

याद रखें, इन सिद्धियों का उद्देश्य केवल शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि आत्म-विकास और मोक्ष की प्राप्ति है।

नवमी पूजा का अंतिम स्टेप: कन्या पूजन

नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नौ कन्याओं (छोटी बच्चियों) को मां के नौ रूपों का प्रतीक मानकर उनका पूजन किया जाता और उन्हें भोजन कराया जाता है। यह नवरात्रि की साधना को पूर्ण करता है।

निष्कर्ष

नवरात्रि का यह अंतिम दिन आपकी नौ दिन की साधना का फल लेकर आता है। मां सिद्धिदात्री सिर्फ चमत्कारिक शक्तियाँ ही नहीं, बल्कि जीवन की वे सभी छोटी-बड़ी सिद्धियाँ (Achievements) देती हैं जिनकी आपको जरूरत है—चाहे वह एक अच्छा स्वास्थ्य हो, एक सफल करियर हो या फिर परिवार में शांति। इस दिन मां से सिर्फ 'सिद्धि' ही न मांगें, बल्कि उस ज्ञान और विवेक के लिए भी प्रार्थना करें जिससे आप उस शक्ति का सदुपयोग कर सकें।

आज ही मां सिद्धिदात्री का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को एक नई दिशा दें!

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Sumit Mishra

By Sumit Mishra

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