भोजपुरी सिनेमा के 'पावर स्टार' कहे जाने वाले पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहा तलाक का मामला (Divorce Case) अब एक कड़वी और जटिल कानूनी लड़ाई में तब्दील हो गया है।

हाल ही में ज्योति द्वारा 30 करोड़ रुपये के गुजारा भत्ते (Maintenance) की मांग ने इस विवाद को मीडिया और जनता के बीच चर्चा का केंद्र बना दिया है। लेकिन क्या यह सिर्फ एक वैवाहिक झगड़ा है, या फिर इसमें राजनीतिक चाल (Political Move) भी शामिल है? आइए, इस पूरे प्रकरण की सभी परतों को खोलते हैं।
पवन सिंह और ज्योति सिंह विवाद
पवन सिंह का व्यक्तिगत जीवन हमेशा से सुर्खियों में रहा है। उनकी पहली शादी नीलम देवी से हुई थी, जिन्होंने दुखद परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी। साल 2018 में पवन ने ज्योति सिंह से दूसरा विवाह किया। शुरुआत में सब कुछ ठीक लगा, लेकिन धीरे-धीरे उनके रिश्ते में दरारें आने लगीं। [स्रोत के अनुसार], समय के साथ यह रिश्ता इतना बिगड़ गया कि अब मामला अदालत तक पहुंच गया है।
ज्योति सिंह ने क्या-क्या आरोप लगाए?
ज्योति सिंह ने अप्रैल 2022 में तलाक की याचिका दाखिल करते हुए पवन सिंह पर कई गंभीर आरोप (Serious Allegations) लगाए। उनके दावों में शामिल है:
- मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का लगातार सामना करना।
- दो बार गर्भपात (Abortion) करवाने के लिए दबाव डाला जाना।
- हाल ही में, इतना अत्यधिक मानसिक तनाव होना कि उन्होंने लगभग 25 नींद की गोलियां खा लीं, जिसे आत्महत्या का प्रयास माना जा रहा है।
ज्योति सिंह का कहना है कि पवन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक अन्य महिला के साथ संबंध बनाए, जिससे उन्हें गहरा सदमा पहुंचा।
इन आरोपों के जवाब में पवन सिंह ने हर एक बात का सख्ती से खंडन किया है।
गुजारा भत्ते की मांग: 5 करोड़ से 30 करोड़ तक का सफर
यह विवाद सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं है। ज्योति सिंह ने आर्थिक सहायता की मांग की है, जिसे गुजारा भत्ता कहा जाता है।
- शुरुआती मांग: पहले ज्योति ने लगभग 5 करोड़ रुपये की मांग की थी।
- पवन की पेशकश: इसके जवाब में पवन सिंह ने समझौते के तौर पर 1 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। [स्रोत के अनुसार], यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया।
- वर्तमान मांग: अब यह रकम बढ़कर 30 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जिसने पूरे मामले को और भी उलझा दिया है।
पवन सिंह की ओर से दावा किया गया है कि अभी तक अदालत ने इस भारी-भरकम रकम के भुगतान का कोई आदेश नहीं दिया है। उनकी टीम का कहना है कि कोई भी अंतिम फैसला पवन की वास्तविक आर्थिक स्थिति (Actual Financial Status) के आधार पर ही होगा।
क्या यह विवाद राजनीति से प्रेरित है?
यह सवाल सबसे ज्यादा पूछा जा रहा है। पवन सिंह, जो एक सक्रिय राजनेता भी हैं, का आरोप है कि ज्योति ने यह मामला नवंबर 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) को ध्यान में रखकर उठाया है।
- समयबद्ध रणनीति? पवन की टीम का मानना है कि यह सब एक सोची-समझी राजनीतिक चाल हो सकती है, जिसका उद्देश्य चुनावी माहौल में उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना है।
कोर्ट में वर्तमान स्थिति क्या है?
दोनों पक्षों ने अलग-अलग जगहों पर मुकदमे दायर किए हैं, जो अभी लंबित हैं:
पक्ष (Party) | मुकदमा दायर कहाँ? (Case Filed Where?) | मुकदमे का प्रकार (Type of Case) |
---|---|---|
पवन सिंह | आरा, बिहार | तलाक की अर्जी |
ज्योति सिंह | बलिया, उत्तर प्रदेश | भरण-पोषण (गुजारा भत्ता) |
दोनों ही मामलों की सुनवाई जारी है और भविष्य में कोई निर्णायक फैसला आने की उम्मीद है।
मुख्य बातें: आपको क्या जानना चाहिए?
इस पूरे घटनाक्रम से कुछ महत्वपूर्ण बातें सामने आती हैं:
- आरोप गंभीर हैं: मानसिक उत्पीड़न से लेकर आत्महत्या के प्रयास तक, ज्योति के दावे गंभीर प्रकृति के हैं।
- आर्थिक मांग में भारी बढ़ोतरी हुई है, जो मामले की जटिलता को दर्शाती है।
- राजनीतिक पहलू से इनकार नहीं किया जा सकता, खासकर जब एक पक्ष सक्रिय राजनीति में है।
- कानूनी प्रक्रिया जारी: अभी तक अदालत ने गुजारा भत्ते पर कोई अंतिम आदेश नहीं दिया है।
निष्कर्ष
पवन सिंह और ज्योति सिंह का मामला सिर्फ एक सेलेब्रेटी तलाक से कहीं आगे निकल चुका है। यह एक ऐसी जटिल गुत्थी बन गया है, जहाँ निजी जीवन, कानूनी लड़ाई और राजनीतिक आरोप एक-दूसरे में गुंथे हुए हैं। अब नजर अदालत के उस फैसले पर टिकी है, जो न सिर्फ इन दो लोगों के भविष्य, बल्कि भोजपुरी इंडस्ट्री और बिहार की राजनीति पर भी अपनी छाप छोड़ेगा।