
क्या आपने कभी सोचा है कि बॉलीवुड के पर्दे के पीछे की असली कहानियाँ कितनी दिलचस्प होती हैं? आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी सुनाने जा रहे हैं - एक ऐसी महिला की कहानी जिसने चमक-दमक से दूर रहकर भी एक साम्राज्य की नींव रखी। यह कहानी है धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर की, जिन्होंने 70 साल तक परिवार को संभाला और कभी शिकायत नहीं की।
कौन हैं प्रकाश कौर? जानिए उनकी शुरुआती जिंदगी
साल 1954 की बात है। जब धर्मेंद्र सिंह देओल सिर्फ 19 साल के एक साधारण पंजाबी लड़के थे, तभी उनकी शादी प्रकाश कौर से हो गई। उस वक्त न तो धर्मेंद्र बॉलीवुड में थे और न ही उनके पास कोई स्टारडम था। प्रकाश कौर उस दौर की एक ग्रेसफुल पंजाबन महिला थीं, जिनकी पहचान सादगी, गरिमा और धैर्य था।
धर्मेंद्र ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था: 'मैंने फिल्मों में आने से पहले ही शादी कर ली थी। प्रकाश मेरी जिंदगी की पहली और असली हीरोइन हैं।'
चार बच्चों की माँ बनकर परिवार को संभाला
धर्मेंद्र और प्रकाश के चार बच्चे हुए:
- सनी देओल - बॉलीवुड सुपरस्टार
- बॉबी देओल - बॉलीवुड सुपरस्टार
- अजीता देओल - साइकोलॉजिस्ट
- विजेता देओल - डायरेक्टर
जहाँ उनके बेटे बॉलीवुड के सितारे बने, वहीं बेटियों ने प्राइवेट लाइफ जीना चुना। प्रकाश कौर ने हमेशा अपने बच्चों की परवरिश पर पूरा ध्यान दिया और उन्हें अच्छे संस्कार दिए।
हेमा मालिनी से शादी के बाद भी नहीं बदला रवैया
1980 में जब धर्मेंद्र ने हेमा मालिनी से शादी की, तो पूरा देश हैरान रह गया। इस दौरान कई तरह की अफवाहें उड़ीं, लेकिन प्रकाश कौर ने कभी सार्वजनिक रूप से कोई नकारात्मक बयान नहीं दिया।
'स्टारडस्ट' मैगज़ीन को दिए अपने एकमात्र इंटरव्यू में उन्होंने कहा था: 'धर्मेंद्र परफेक्ट पति नहीं हैं, लेकिन वे बेहतरीन पिता हैं। हेमाजी बहुत खूबसूरत हैं, कोई भी मर्द उनकी ओर आकर्षित हो सकता है।'
यह बयान उनकी परिपक्वता और गरिमा का सबूत बना।
आज भी बरकरार है परिवार के साथ मजबूत रिश्ता
दशकों बीत जाने के बाद भी प्रकाश कौर ने अपनी गरिमा और निजता बनाए रखी है। वह अपने बच्चों और पोते-पोतियों के साथ करीबी रिश्ता बनाए हुए हैं। सोशल मीडिया पर अक्सर सनी देओल की अपनी माँ और बहनों के साथ तस्वीरें सामने आती रहती हैं, जो इस परिवार की मजबूत बॉन्डिंग को दर्शाती हैं।
प्रकाश कौर के जीवन से सीखने लायक बातें:
- धैर्य की मिसाल: उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी कभी धैर्य नहीं खोया
- परिवार को प्राथमिकता: उन्होंने हमेशा परिवार को अपनी पहली प्राथमिकता बनाए रखा
- गरिमा बनाए रखना: चुनौतियों के बावजूद उन्होंने हमेशा अपनी गरिमा बनाए रखी
देओल परिवार की विरासत आज भी जिंदा है
आज धर्मेंद्र की विरासत उनके बच्चों और पोते-पोतियों के रूप में आगे बढ़ रही है। सनी और बॉबी के सफल करियर से लेकर करण देओल की तीसरी पीढ़ी तक, देओल परिवार का नाम बॉलीवुड में चमक रहा है। और इस पूरी कहानी की असली नींव हैं प्रकाश कौर - वह महिला जिसने शोहरत से दूर रहकर भी इस विरासत को संभाला है।
निष्कर्ष
प्रकाश कौर की कहानी हमें सिखाती है कि असली ताकत चमक-दमक में नहीं, बल्कि सादगी और संयम में होती है। उन्होंने साबित किया कि एक मजबूत परिवार की नींव ही उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है। आज भी वह देओल परिवार की वो मजबूत स्तंभ हैं, जिस पर पूरा परिवार टिका हुआ है। क्या आपको लगता है कि आज के दौर में ऐसे रिश्तों और त्याग की मिसालें कम होती जा रही हैं? अपने विचार कमेंट में जरूर साझा करें।