द ताज स्टोरी बॉक्स ऑफिस पर धमाल: विवादों के बावजूद 4 दिन में 7 करोड़ का कलेक्शन

2025 को सिनेमा प्रेमियों के लिए एक सरप्राइजिंग ईयर कहा जा रहा था, लेकिन लगता है कि सरप्राइज देने का सिलसिला अभी थमा नहीं है।

द ताज स्टोरी बॉक्स ऑफिस पर धमाल: विवादों के बावजूद 4 दिन में 7 करोड़ का कलेक्शन

'सैयारा' और 'महावतार नरसिम्हा' जैसी फिल्मों के बाद अब परेश रावल की 'द ताज स्टोरी' ने बॉक्स ऑफिस को हैरान कर दिया है। सीमित स्क्रीन्स और भारी विवादों के बावजूद यह फिल्म ऐसा धमाल मचा रही है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

"कभी-कभी विवाद ही सबसे बड़ा प्रचार बन जाता है। परेश रावल की 'द ताज स्टोरी' इसका जीता-जागता उदाहरण है।"

विवादों से शुरुआत, सफलता तक का सफर

'द ताज स्टोरी' की कहानी शुरू होती है विवादों से। फिल्म का पहला पोस्टर रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा हो गया। आरोप लगे कि फिल्म किसी धार्मिक मुद्दे को उठा रही है। हालात इतने बिगड़े कि परेश रावल को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्टर हटाना पड़ा और एक ऑफिशियल डिस्क्लेमर जारी करना पड़ा।

डिस्क्लेमर में साफ किया गया कि "यह फिल्म किसी धार्मिक मुद्दे से नहीं, बल्कि केवल ऐतिहासिक तथ्यों से डील करती है।" लेकिन क्या आप जानते हैं? कभी-कभी विवाद ही फिल्म के लिए सबसे बड़ा प्रमोशन बन जाता है। और 'द ताज स्टोरी' के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।

बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त परफॉर्मेंस

फिल्म की सफलता की कहानी संख्याओं में कुछ इस तरह दिखती है:

दिन कलेक्शन (करोड़ रुपये में) ग्रोथ
शुक्रवार (दिन 1) 1.00 -
शनिवार (दिन 2) 1.95 95%
रविवार (दिन 3) 2.90 49%
सोमवार (दिन 4) 1.15 -

फिल्म ने अपना पहला वीकेंड लगभग 6 करोड़ रुपये के कलेक्शन के साथ पूरा किया। लेकिन असली सरप्राइज तो सोमवार को आया जब फिल्म ने 1.15 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। यह शुक्रवार के कलेक्शन से भी ज्यादा था - एक ऐसा ट्रेंड जो आजकल बहुत कम फिल्मों में देखने को मिलता है।

'बाहुबली' को पीछे छोड़ती 'द ताज स्टोरी'

फिल्म की सफलता का सबसे दिलचस्प पहलू टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म बुक माय शो के आँकड़ों में देखने को मिला। मंगलवार सुबह तक के ट्रेंड्स के अनुसार:

  • 'द ताज स्टोरी': 28,650 टिकट्स बुक
  • 'बाहुबली - द एपिक': 28,350 टिकट्स बुक

यह आँकड़ा इसलिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 'बाहुबली' आज भी दर्शकों के बीच काफी पॉपुलर है, खासकर तेलुगू ऑडियंस में। लेकिन 'द ताज स्टोरी' ने इस मैच-अप में खुद को साबित कर दिया।

आगे क्या है फिल्म के लिए?

मंगलवार को ब्लॉकबस्टर ट्यूसडे के सस्ते टिकट ऑफर्स का फिल्म को फायदा मिलने की उम्मीद है। यह ऑफर वॉक-इन ऑडियंस को थिएटर तक खींच लाने में मददगार साबित हो सकता है।

फिल्म की सफलता हमें एक महत्वपूर्ण सबक सिखाती है: कभी-कभी विवाद नहीं, कंटेंट की ताकत ही फिल्म को सफल बनाती है। हालाँकि विवाद ने शुरुआती curiosity पैदा की, लेकिन दर्शकों को थिएटर में वापस लाने के लिए फिल्म की क्वालिटी ही जिम्मेदार रही।

क्या हैं फिल्म की सफलता के मुख्य कारण?

  • कंट्रोवर्सियल टॉपिक ने शुरुआती curiosity पैदा की
  • वर्ड ऑफ माउथ पॉजिटिव रहा
  • लिमिटेड रिलीज ने डिमांड बढ़ाई
  • ऐतिहासिक विषय में दर्शकों की दिलचस्पी

निष्कर्ष: सफलता का नया फॉर्मूला

'द ताज स्टोरी' ने साबित कर दिया कि बड़े बजट और विशाल स्टार कास्ट के बिना भी फिल्में सफल हो सकती हैं। जरूरत है तो सही कंटेंट, सही टाइमिंग और दर्शकों तक पहुँचने की सही रणनीति की।

अब देखना यह है कि यह सरप्राइजिंग जर्नी आगे और कितने दिन चलती है। एक बात तो तय है - 2025 में 'द ताज स्टोरी' सिनेमा जगत की सबसे यादगार सफलताओं में से एक बन चुकी है।

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Sumit Mishra

By Sumit Mishra

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