KBC 17: कुमार मंगलम बिरला ने बिग बी को बताया पिता की कड़ी शर्त और रतन टाटा का साथ

क्या आपने कभी सोचा है कि भारत के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों के उत्तराधिकारी की ज़िंदगी कैसी होती है? क्या वे सब कुछ आसानी से पा लेते हैं, या उन्हें भी संघर्ष का सामना करना पड़ता है?

KBC 17: कुमार मंगलम बिरला ने बिग बी को बताया पिता की कड़ी शर्त और रतन टाटा का साथ

सोनी टीवी के लोकप्रिय शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC 17) में पहली बार आए कुमार मंगलम बिरला ने ऐसी ही कई गहरी और प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कीं, जो न सिर्फ मन को छू लेती हैं, बल्कि सफलता के सच्चे मायने भी समझाती हैं।

पिता की वो कड़ी शर्त जिसने बदल दिया जीवन

कुमार मंगलम बिरला ने अमिताभ बच्चन को बताया कि उनके पिता, आदित्य विक्रम बिरला, ने उनके लिए एक बहुत ही सख्त नियम बनाया था। वह चाहते थे कि उनका बेटा बिजनेस में आने से पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की डिग्री हासिल करे। कुमार मंगलम ने स्वीकार किया कि शुरू में यह शर्त उन्हें बहुत भारी लगी।

"मैंने सोचा था कि ग्रेजुएशन के बाद सीधे पापा के ऑफिस जाऊँगा, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया। उनका कहना था-'अगर तुम CA नहीं बनोगे, तो मेरे ऑफिस में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है।'"

इस शर्त से निपटने के लिए उन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों से मदद माँगी, लेकिन हर किसी ने उन्हें वही जवाब दिया-"तुम्हें यह करना ही पड़ेगा।" यह कहानी हमें सिखाती है कि वास्तविक सफलता के लिए मेहनत और योग्यता ज़रूरी है, चाहे आप किसी भी पृष्ठभूमि से आते हों।

रतन टाटा और बिरला परिवार का ऐतिहासिक रिश्ता

शो के दौरान, अमिताभ बच्चन ने रतन टाटा के बारे में एक सवाल पूछा, जिसने दोनों परिवारों के गहरे संबंधों की कहानी खोल दी। कुमार मंगलम ने बताया कि बिरला और टाटा परिवारों के बीच दशकों पुराना विश्वास और दोस्ती का रिश्ता रहा है।

  • पारिवारिक मित्रता: जेआरडी टाटा और कुमार मंगलम के दादा करीब दोस्त थे। एक समय ऐसा भी था जब टाटा कंपनियों में टाटा परिवार से ज़्यादा बिरला परिवार के शेयर थे।
  • मुश्किल घड़ी में साथ: कुमार मंगलम के पिता के निधन के बाद, रतन टाटा ने न सिर्फ उनका साथ दिया, बल्कि एक संरक्षक और दोस्त की भूमिका भी निभाई। उन्होंने कहा—"हमेशा याद रखना, तुम मुझमें अपना दोस्त देख सकते हो।"
  • एक युग का अंत: रतन टाटा के निधन पर कुमार मंगलम ने कहा कि भारत ने अपना "असली पुत्र" खो दिया है, जो दोनों के बीच के आदर और स्नेह को दर्शाता है।

अमिताभ बच्चन और रतन टाटा का मजेदार किस्सा

बातचीत के दौरान, अमिताभ बच्चन ने भी रतन टाटा के साथ अपने एक मनोरंजक अनुभव को साझा किया। वे बताते हैं कि कई कार्यक्रमों में, रतन टाटा हमेशा उन्हें पहले स्टेज पर जाने देते थे। अमिताभ को यह अच्छा नहीं लगता था, और वे मजाक में कहते थे-"रतन जी, उम्र सौंदर्य से पहले आती है!" यह छोटा सा किस्सा रतन टाटा की विनम्रता और अमिताभ बच्चन के हल्के-फुल्के स्वभाव को बखूबी दिखाता है।

कुमार मंगलम बिरला: परिवार और विरासत

जो लोग कुमार मंगलम बिरला से परिचित नहीं हैं, उनके लिए एक संक्षिप्त परिचय:

विवरण विवरण
पद आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरपर्सन
पत्नी नीरजा बिरला (समाजसेवी और शिक्षा ट्रस्ट की संस्थापक)
बच्चे अनन्या बिरला (संगीतकार और व्यवसायी), अद्वैतेशा बिरला (मनोविज्ञान की छात्रा), आर्यमन बिरला (पूर्व क्रिकेटर, अब पारिवारिक व्यवसाय में)

उनका परिवार शिक्षा, कला, खेल और व्यवसाय के क्षेत्र में सक्रिय है, जो एक संतुलित और समृद्ध विरासत को दर्शाता है।

मुख्य सीख: सफलता की नींव कैसे बनाएँ?

कुमार मंगलम बिरला की कहानी से हम क्या सीख सकते हैं? आइए, इसे सरल बिंदुओं में समझते हैं:

  1. योग्यता पर जोर: चाहे आप किसी भी पृष्ठभूमि से हों, तकनीकी ज्ञान और पेशेवर योग्यता सफलता की पहली सीढ़ी है।
  2. संरक्षक का महत्व: जीवन में एक अनुभवी मार्गदर्शक (Mentor) का होना बहुत ज़रूरी है, जैसे रतन टाटा ने कुमार मंगलम के लिए किया।
  3. विरासत और मेहनत का संतुलन: बड़ी विरासत मिलना एक बात है, लेकिन उसे संभालने और आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण दूसरी बात।
  4. मानवीय संबंधों की गहराई: व्यवसाय से परे, ईमानदार दोस्ती और पारिवारिक संबंध जीवन को सार्थक बनाते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q: कुमार मंगलम बिरला ने KBC में पहली बार क्यों भाग लिया? A: यह उनका पहला हिंदी टेलीविज़न शो था, जहाँ उन्होंने अपने पारिवारिक और व्यक्तिगत अनुभव साझा किए, शायद युवाओं को प्रेरित करने के लिए।

Q: उनके पिता ने CA करने की शर्त क्यों रखी? A: आदित्य विक्रम बिरला चाहते थे कि उनका बेटा व्यवसाय शुरू करने से पहले वित्त और लेखा की मजबूत नींव हासिल करे, ताकि वह भविष्य में चुनौतियों का सामना कर सके।

Q: रतन टाटा और बिरला परिवार का रिश्ता कितना पुराना है? A: यह रिश्ता कई पीढ़ियों पुराना है, जो विश्वास और साझेदारी पर आधारित रहा है, जैसा कि शेयरहोल्डिंग के इतिहास से पता चलता है।

Q: क्या यह कहानी आज के युवाओं के लिए प्रासंगिक है? A: बिल्कुल! यह कहानी अनुशासन, शिक्षा और मानवीय मूल्यों की अहमियत सिखाती है, जो हर युग के लिए ज़रूरी हैं।

अंतिम विचार: सफलता का असली मतलब

कुमार मंगलम बिरला की यह KBC यात्रा सिर्फ एक सेलिब्रिटी इंटरव्यू नहीं, बल्कि जीवन के गहरे सबक की कहानी है। यह हमें याद दिलाती है कि सफलता सिर्फ पैसा या पद नहीं, बल्कि चरित्र, संबंध और दायित्व का नाम है। चाहे आप एक छात्र हों, एक पेशेवर, या कोई उद्यमी, इन कहानियों से मिली प्रेरणा को अपने जीवन में उतारने का प्रयास ज़रूर करें। क्योंकि, जैसा कि इस पूरी बातचीत से स्पष्ट होता है वास्तविक विरासत वह नहीं जो आप पाते हैं, बल्कि वह है जो आप बनाते और साझा करते हैं।

By Sumit Mishra

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