भारत चीन के बाद चाय(Tea) उत्पादन में दूसरे नंबर पर है,उत्पादन और उपभोग दोनों में अग्रणी (Top) देशों में आता है।
भारत मे चाय पीने पिलाने की परम्परा दशकों पुरानी है, बढ़ते हुए मॉडर्न जमाने मे चाय को अनेको रंगों में ढाला है आइये जानते है कि कौन हैं वो भारत के अमीर शख्स जो चाय के अलग अलग रंगों को संजो कर अपनी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को मिला कर बेंच रहें हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहें हैं।
अनुभव दुबे (Chai Sutta Bar)
पहले नम्बर पर बात करें तो 1996 में मध्यप्रदेश के रीवा में जन्मे अभिनव दुबे हैं, अनुभव ने इंदौर से कामर्स विषय मे Graduation करने के बाद दिल्ली की ओर रूख किया, वह Officer बनना चाहते थे इसीलिए दिल्ली से ही UPSC की तैयारी शुरू की, लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था।
आखिर कैसे आया Business Idea
अनुभव जब दिल्ली में UPSC की Prepration कर रहे थे तो एक दिन उनके मित्र आनंद का कॉल आया और बातों ही बातों में इस Idea पर बात हुई जो कि अभिनव को काफी पसंद आया और बैग पैक कर निकल पड़े अपनी मंज़िल इन्दौर की ओर।
2016 में 3 लाख और दोस्तों की मदद से पहला आउटलेट स्टार्टअप शुरू किया ,उन्होंने अपने Business की शुरुआत Girls Hostel के पास आउटलेट खोलकर की क्योंकि उनका मानना था कि Girls की वजह से Boys का Crowd आकर्षित होता है, 6 महीने के अंदर इंदौर में ही 6 Outlet और खोल दिये।
'चाय सुट्टा बार' के नाम का आईडिया
अनुभव का कहना है कि 'चाय सुट्टा बार' ऐसा नाम है जो youth को आकर्षित करता है साथ मे Unique भी है और User friendly भी, उनका Business पूरी तरह Youth पर केंद्रित था और youth खूब attract भी हुआ।
- आज अनुभव लगभग 2 हजार लोगों को रोजगार देते हैं। 6 साल की यात्रा में आज 200 से अधिक आउटलेट हैं 'Chai Sutta Bar' नाम से आज पूरी एक चैन है।
- प्रतिदिन 3 से 3.5 Lakh कुल्हड़ चाय की बिक्री है। उनकी Net Worth लगभग 40 से 50 करोड़ के बीच है।
अनुभव दुबे के कुछ Achievements
चाय सुट्टा बार के मालिक अभिनव दुबे को उनके वेंचर के लिए पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है इतने कम उम्र में सफल अनटारप्रेनर बनने की सीढ़ी आम नही है।
- अनुभव को United Nations Young Change Marker Conclave (UNYCC)का पुरुस्कार मिला है।
- अनुभव की IT Company का नाम TECH MASTER GOGO है।
- उनकी कहानी को NCERT द्वारा प्रकाशित किया गया था।
प्रफुल्ल बिल्लोरे (Praful Billore)
प्रफुल्ल बिल्लोरे को कौन नही जानता और अगर नही जानते होंगे तो 'MBA CHAIWALA' को तो जरूर जानते होंगे। 20 साल की उम्र में मध्यप्रदेश के धार जिले से इंदौर Graduation करने गए प्रफुल को क्या पता था उनके MBA करने का सपना उन्हें किसी और दिशा में ले जाएगा, इंदौर से graduate होने के बाद प्रफुल CAT की Preparation के लिए अहमदाबाद आये,वह IIM से MBA करना चाहते थे लेकिन MBA में सेलेक्शन नही हुआ , शायद Destiny को कुछ और ही मंजूर था।
कैसे आया Business Idea
MBA में सेलेक्शन न होने की वजह से अहमदाबाद में ही वह McDonald's में नौकरी करने लगे, जहाँ वह 12 घंटे काम करते थे प्रतिघंटे के हिसाब से उन्हें 37 रुपए मिलता था। इसी नौकरी के दौरान उन्होंने Business करने की सोच रहे थे लेकिन पैसा ज्यादा न होने की वजह से वह कुछ ऐसा काम डालना चाह रहे थे जिसमें लागत कम हो तभी उन्हें चाय का Business करने का सोचा।
पढ़ाई का बहाना बनाकर 10 हजार रुपए घर से लिये और ठेला लगाना शुरू किए, शुरू में बहुत Struggle करना पड़ा लेकिन मन मुताबिक Earning नही हो पा रही थी। तब प्रफुल ने नई नई Marketing Strategies सोची जैसे कि Valentines Day पर Singles के लिए फ्री चाय, अपनी Job छोड़कर पूरा ध्यान अपने व्यापार पर केंद्रित किया।
कैसे पड़ा नाम 'MBA Chaiwala'
प्रफुल ने यह नाम पूरे 300 400 नाम सोचने के बाद रखा। MBA का मतलब यहाँ पर पढ़ाई वाला एमबीए नही है बल्कि 'Mr Billore Ahemdabad' है। उनके outlet india से लेकर London तक हैं उनकी सालाना आय 2 से 3 करोड़ है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर प्रफुल बहुत प्रचलित हैं उनके INSTGRAM में साढ़े नौ लाख(950K) से अधिक फॉलोवर हैं।
जगदीश कुमार (NRI chaiwala)
जगदीश कुमार दिल्ली के रहने वाले हैं लगभग 15 साल न्यूज़ीलैंड में Hospitality sector में काम करने के बाद भारत लौट थे। जगदीश कुमार ने INSTITUTE OF HOTEL MANAGEMENT,BHOPAL से पढ़ाई की थी।
कैसे आया Business Idea
भारत लौटने के बाद वह यहीं रहकर व्यापर करना चाहते थे काफी रिसर्च और अनुमान लगाने के बाद उन्होंने पाया कि भारत चाय उगाने और पीने दोनों में अग्रणी देशों में आता है तो क्यों न इसी से जुड़ा हुआ व्यापार किया जाए।
इनकी चाय Normal नही होती इनकी चाय इनके नाम की ही तरह स्पेशल है , चूंकि यह NRI थे इसलिए इन्होंने अपने outlet का नाम 'NRI Chaiwala' रख लिया।
कैसे अलग है इनकी चाय
इनकी चाय स्पेशल होने के साथ साथ फ्लेवर्ड भी है फ्लेवर्ड होने के साथ इनके चाय के नाम भी अलग हैं
- 'मम्मी के हाँथ वाली चाय'
- 'प्यार मोहब्बत वाली चाय'
- 'मर्दों वाली चाय'
यह सब नाम लोगों को आकर्षित करते हैं इन नामों की वजह से लोगों के मन मे कौतूहल उठता है और एक बार पीने की इच्छा जाहिर करता है। इनकी सालाना इनकम 1.5 से 2 करोड़ है।
किसी भी देश की आर्थिक मजबूती के लिए व्यापार का अहम हिस्सा है ऐसे में देश के नए युवाओं का बिजनेस सेटअप ओपन करना भविष्य के लिए प्रगति का मार्ग है।