जानिए क्या कहते हैं विश्व के दिग्गज लोग महात्मा गांधी के बारे में - Thoughts of World Famous People About Mahatma Gandhi

Mahatma Gandhi यानी कि बापू, भारत के सर्वश्रेष्ठ पुरखे या यूं कहें कि भारत के 'राष्ट्रपिता'. बापू के व्यक्तित्त्व में सादगी और उनके अनुशासन के चर्चे सम्पूर्ण विश्व मे थे यही कारण था कि विश्व के उनके समकालीन चाहे नेता हों या कोई आम इंसान सब महात्मा गांधी के कायल थे। महात्मा गांधी भारत की स्वतंत्रता में अहम योगदान तो था ही साथ ही वह नेताओं के मुखिया थे या गार्जियन कहना अतिशन्योक्ति नही होगी।

mahatma gandhi Ke bare dusro ke vichar

उनसे वैचारिक मतभेद करने वाले लोग भी उनका आदर करते थे,उदाहरण के तौर पर 'शुभाषचंद्र बोस' शुभाष बाबू अनेक मामलों पर बापू की विचारधारा से विपरीत थे लेकिन सबसे पहले महात्मा सुभाषचंद बोस ने ही कहा था। बापू की शख्शियत ऐसी थी कि सड़क पर चलने मात्र से उनके पीछे लाखों की भीड़ चल देती थी। आइये जानते हैं विश्व के कुछ 'प्रशिद्ध शख्सियतों' के विचार कि वह महात्मा गांधी के बारे में क्या सोचते और समझते थे।

विश्वविख्यात लोगों के विचार महात्मा गांधी के बारे में

महात्मा गांधी का व्यक्तित्व और कृतित्व इतना विराट था कि जो भी उनसे मिलता बिना प्रभावित हुए नही रह पाता।समाजसेवी,आंदोलनकर्ता,क्रांतिकारी,वैज्ञानिक,दार्शनिक चाहे कोई भी व्यक्तित्व रहा हो विरला ही ऐसा रहा होगा जो गांधी के विचारों से इत्तेफाक न रखता रहा हो,महात्मा के बारे में कुछ महान शख्सियत जैसे मंडेला साहब,मार्टिन लूथर किंग,ओबामा  आइंस्टीन इत्यादि के ओपिनियन अथवा विचारों को जानेंगे।

African Gandhi Nelson Mandela

नेल्सन मंडेला को 'अफ्रीकन गाँधी' कहा जाता है वह दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे,मंडेला 27 वर्ष जेल में थे वह अफ्रीका में 'रंगभेद' के खिलाफ सालों लड़ते रहे और अंत मे उनकी विजय हुई। मंडेला,गंधीजी को अपना प्रेरणास्रोत मानते थे गांधी के बारे में उनके विचार

"रंगभेद की घृणित नीति को धराशायी करने में गांधी के सिद्धांतों का अहम योगदान है, दक्षिण अफ्रीकी समाज मे रंगभेद की नीति की समाप्ति और भेदभाव का खात्मा गांधी के विचारों के जोर पर हुआ है"

शुरुवाती दौर में मंडेला हिंसा की बात करते थे लेकिन बाद में उन्होंने गाँधी के अहिंसा के रास्ते से इतने प्रभावित हुए कि उसे ही अपना आदर्श मानकर आगे बढ़े। नेल्सन मंडेला ने एक बार कहा था कि शिक्षा वह हथियार है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं।

American president Barack Obama

बराक ओबामा अमेरिका के 44वें औऱ पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे.ओबामा ने भारत देश के बारे में एक बार कहा था कि भारत उन्हें इसलिए अट्रैक्ट करता है क्योंकि वह गांधी का देश है। ओबामा अपनी किताब 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' में लिखते हैं कि 

"गांधी की सत्याग्रह की अवधारणा, सत्य के प्रति समर्पण और अहिंसा की भावना के साथ सभी धर्मों में एकजुटता और मानवता,वचनबद्धता एवम सबके साथ समान ब्योहार से वह बहुत प्रभावित हैं,गांधी के शब्दों से ज्यादा उनके कार्यों ने बहुत गहरी छाप छोड़ी है"

ओबामा आगे गांधी का जिक्र करते हुए कहते हैं कि गांधी ने 1915 में अहिंसक आंदोलन शुरू किया जो कि 30 वर्षों से अधिक समय तक चला इस दौरान न केवल उपमहाद्वीप के अधिकतर हिस्सों को स्वतंत्रता दिलवायी अपितु सम्पूर्ण विश्व मे नैतिकता की लहर पैदा कर दी,उनकी इस नैतिकता से जो तिरस्कृत और हाशिये पर खड़े लोग थे उन समूहों को एक उम्मीद की नई रोशनी मिली।

2009 में बराक एक स्कूल के दौरे पर थे उनसे एक छात्र में पूछा कि 

"आपको अगर किसी(जीवित या मृत) के साथ डिनर करने का मौका मिले तो वह कौन होगा? इस पर ओबामा ने चुटकी लेते हुए कहा कि "तुम्हे पता है कि यह लिस्ट बहुत लंबी होने वाली है फिर भी अगर एक का नाम लेना हो तो वह महात्मा गांधी होंगे वह मेरे रियल हीरो हैं."

Buddhist Guru Dalai Lama

दलाई लामा बुद्धिष्टों के गुरु हैं वह अहिंसा और शांति के पथ को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं उन्होंने कई मौकों पर गांधीजी के बारे में खुलकर विचार रखें हैं उन्होंने ने कहा कि गांधी पूरे विश्व के लिए मार्गदर्शक हैं। बापू की 74वीं पुण्यतिथि के मौके पर दलाई लामा ने कहा था कि

"मेरे लिए महात्मा गाँधी अहिंसा और करुणा के प्रतीक हैं उन्होंने अपनी जीवन यात्रा में करुणा और अहिंसा दोनों का चित्रण या उदाहरण प्रस्तुत किया है मैं उन्हें अपना गुरु और खुद को उनका एक नन्हा सिपाही मंटा हूँ"

 उन्होंने यह भी कहा था कि अगर गंधीजी कभी उन्हें सामने मिलते तो वह उनका पैर छू लेते और आशीर्वाद लेते और चीन के सीमा विवाद का हल भी पूछते।

Great Scientist and Noble prize Winner Albert Einstein

विश्वप्रसिद्ध जर्मन वैज्ञानिक और नोबेल प्राइज से सम्मानित अल्बर्ट आइंस्टीन अपने कमरे में केवल दो वैज्ञानिकों की तस्वीर लगाते थे लेकिन एक समय के बाद जब उन्होंने दुनिया मे भयंकर त्रासदी देखी तो उनके विचार बदले और उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि 'सफलता' की जगह 'सेवा' की तसवीर लगाई जाए।

आइंस्टीन ने 'सर आई जैक न्यूटन' और 'जेम्स मैक्सवेल' की तस्वीर हटाकर Albert Schweitzer और Mahatma Gandhi की फ़ोटो लगा दी. हालांकि आइंस्टीन महात्मा गांधी से केवल 10 साल छोटे थे लेकिन व्यक्तिगत रूप से दोनों कभी एक दूसरे से नही मिले लेकिन उनके बीच पत्र व्यवहार का सम्बंध जरूर था। आइंस्टीन का गांधी के बारे में कहना था कि

"महात्मा गाँधी ने राजनीति में भी मानवीय सम्बन्धों का उत्कृष्ट प्रतिनिधित्व किया है जिसे पूरे विश्व को पूरी शक्ति लगाकर इस गुण को सीखना चाहिए"

आइंस्टीन अनेक मौकों पर गांधी का जिक्र करते थे उनके धार्मिक विषयों पर गाँधी के जीवन का प्रभाव काफी था उनके कई लेखों पर भी महात्मा गाँधी का जिक्र अक्सर देखने को मिलता था। एक बार आइंस्टीन ने गाँधी जी के बारे में एक बात कही थी जो अत्यंत प्रचलित है कि

"आने वाली पीढ़ी इस बात का यकीन नही कर पाएंगी कि हाड़ और मांस का एक ऐसा व्यक्ति भी धरती पर आया था"

American Gandhi Martin Loother King Junior

मार्टिन लूथर किंग जूनियर जो कि अमेरिकी में पादरी थे और इन्होंने अमेरिकी-अफ्रीकी नागरिकों के अधिकार के लिए लंबे अरसे तक लड़ाई लड़ी। और नस्लभेद समस्या की लड़ाई लड़ी,इन्हें मानवीय मूल्यों का सिम्बल और "अमेरिकी गाँधी" भी कहा जाता है।

मार्टिन लिखते हैं कि वह भारत घूमे और गाँधी के विचारों से ख़ासा प्रभावित हुए उन्होंने गाँधी का जिक्र लोगों से सुना था कभी पढ़ा नही था लेकिन एक घटना का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर 'मोरडेक जानसन' का वक्तव्य होने वाला था और वक्तव्य में उन्होंने गांधी के विचारों और जीवन के बारे में विस्तार से व्याख्यान दिया.

प्रोफेसर मोरडेक के विचार सुनकर किंग जूनियर ने जाकर गाँधी से संबंधित लगभग दर्जन भर किताबें खरीद डाली और उसके बाद गंभीरता से पढ़ा,गांधी के आंदोलन और उनके अहिंसक विचारों से इतना प्रभावित हुए कि सत्याग्रह,प्रेम,मानवता की अवधारणा ही बदल गयी। मार्टिन लूथर किंग ने कहा था कि

"ईसा मसीह उनके प्रेरणास्रोत हैं और गांधी मार्गदर्शक हैं"

गाँधी जी केवल भारत के नही अपितु पूरे विश्व के महामानव थे, उन्हें राजनीतिक कहना उनके कद को ओछा आँकना होगा गाँधी राजनीतिक,मानवतावादी,समतावादी वाले महामानव थे, कई इतिहासकार और बौद्धिक उन्हें अपने आप मे ही एक विचार की संज्ञा देते हैं।

पूरे विश्व मे जिसने भी शोषित, वंचित और समानता की लड़ाई की मुहिम लड़ी है उनके लिए गाँधी कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में आदर्श जरूर रहें हैं।

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