Gyangan : ज्ञानगंज हिमालय की गोद में बसा एक अदृश्य गाँव जहां भगवान जन्म लेने वाले हैं

कहते हैं कि धरती में अगर ज्ञान और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत कहीं है तो वह है हिमालय क्षेत्र, यह एक ऐसा स्थान है जहां विभिन्न धर्मों से लेकर विज्ञान तक अपने अपने तरीके से खोज कर रहा है विज्ञान की खोज में भारत, तिब्बत और चीन जैसे देशों ने ढेरों रिसर्च की है वहीं धार्मिक अध्यात्म में हिंदुओं, बौद्धों, जैनों और सिक्खों का तीर्थ स्थान माना जाता है

gyanganj sambhala

हिमालय श्रृंखला का वर्णन पुरातन काल के धार्मिक ग्रंथों में मिलता है उसी हिमालय की श्रृंखला में एक स्थान है जिसका नाम है "ज्ञानगंज" जिसके बारे के कहा जाता है कि यह धरती से स्वर्ग की ओर जाने वाला रास्ता है और यहां किसी की मृत्यु नही होती।

ज्ञानगंज आश्रम

वैदिक पुराणों में इस स्थान का वर्णन मिलता है इसके बारे में अनेकों किदवंतिया भी हैं कहते हैं धरती में जितने में महनीय लोग जन्म लिए हैं मरने के बाद उनका सम्बन्ध इसी स्थान से है गौतम बुद्ध, ईशा मसीह, गुरु नानक और महावीर स्वामी जैसे महान अवतारी पुरुष वहीं विराजमान हैं। इस स्थान की स्थापना शिल्पकार विश्वकर्मा ने की थी कहते हैं यहां किसी की मृत्यु नही होती है।

ज्ञानगंज कहां स्थित है

"ज्ञानगंज" को हम सिद्ध आश्रम अथवा "संभाला" के नाम से भी जानते हैं सम्हाला का अर्थ है "खुशियों का श्रोत" चीन के लोग इसे "संग्रीला" कहते हैं भगवान विष्णु के कलयुगी अवतार कल्कि का जन्म यहीं माना गया है जहां पर परशुराम उन्हें शिक्षित करेंगे यह अदृश्य आश्रम सबको दिखाई नही देता है या यूं कहे कि सिद्ध पुरूषों को ही इसके दर्शन हुए हैं इसकी भौगोलिक स्थिति कैलाश मानसरोवर के पास मानी जाती है।

ज्ञानगंज का आकार

पौराणिक वर्णन के अनुसार सिद्धाश्रम को विश्वकर्मा महाराज ने इसे कमल के फूल की आठ पंखुड़ियों के समान संरचना बनाई है पवित्र स्थान के बीच में एक ऐसा अद्भुत वृक्ष है जो धरा और स्वर्ग को एक करता है यहां पर जो भी महात्मा विद्यमान हैं सभी अमर हैं किसी की मृत्यु नही होती है ऐसा माना जाता है कि मनुष्यों की मानवता की रक्षा और उन्हें संकट के पोषित करने के लिए इस आश्रम का निर्माण किया गया था बौद्ध धार्मिक मान्यता अनुसार इंसान जब अराजकता की अति को पार कर देगा तब इस जगह के शाशनकर्ता एक नए आयाम की तरफ दुनिया को मोड़कर मदद करेंगे।

ज्ञानगंज के शाशनकर्ता

mahavtar baba ji

सम्भाला आश्रम के कुलपति महावतार बाबाजी को माना जाता है इनके बारे में कहा जाता है कि इनकी आयु लगभग 2200 साल है और यहां का संचालन उन्हीं के हांथ में है यहां पर रहने वाले लोग योग अध्यात्म में पारंगत हैं। 18 वीं शताब्दी में जन्मे संत लाहिड़ी महाशय को इन्होंने ही शिक्षित किया था और क्रिया योग की शिक्षा दी थी।

Read Also:

ज्ञानगंज के रहस्य

चीन जैसे तकनीकी प्रधान देश ने अनेकों प्रयास किए इस स्थान के बारे में जानने का लेकिन वहां तक पहुंच नही पाया और कई बार असफल रहा।

  • इस समय की सबसे बड़ी तकनीकी है रिमोट सेंसिंग इसकी मदद से किसी भी स्थान की सेटेलाइट तस्वीर ली जा सकती है  लेकिन यह टेक्नोलॉजी भी फेल साबित हुई है।
  • कई बौद्ध धर्म के मानने वाले भी पहुंचने की कोशिश की लेकिन प्रयास अधूरा रहा इस क्षेत्र का 10 वर्ग किलोमीटर का एरिया बहुत ही रहस्यों से भरा है।
  • कहते हैं चीनी सैनिकों के इस स्थान के समीप जाने पर बाल और नाखून बढ़ने लगे थे और दिल की धड़कन तेज होने लगी थी।
  • हिन्दू धर्म के अनुसार अगर इस स्थान पर पहुंचना है तो आत्मा से शुद्ध ज्ञानी और सत्यवादी तपस्वी होना चाहिए।

ज्ञानगंज एक रहस्यमयी जगह है और कई धर्मों की आस्था का केंद्र है किदवंतियों और पुराणों में इसका वर्णन है अंग्रेजी लेखक हिल्टन ने अपनी किताब "लास्ट हीरोजोइन" में इस स्थान का उल्लेख किया है।

Support Us

भारतवर्ष की परंपरा रही है कि कोई सामाजिक संस्थान रहा हो या गुरुकुल, हमेशा समाज ने प्रोत्साहित किया है, अगर आपको भी हमारा योगदान जानकारी के प्रति यथार्थ लग रहा हो तो छोटी सी राशि देकर प्रोत्साहन के रूप में योगदान दे सकते हैं।

Amit Mishra

By Amit Mishra

नमस्कार! यह हमारी टीम के खास मेंबर हैं इनके बारे में बात की जाए तो सोशल स्टडीज में मास्टर्स के साथ ही बिजनेस में भी मास्टर्स हैं सालों कई कोचिंग संस्थानों और अखबारी कार्यालयों से नाता रहा है। लेखक को ऐतिहासिक और राजनीतिक समझ के साथ अध्यात्म,दर्शन की गहरी समझ है इनके लेखों से जुड़कर पाठकों की रुचियां जागृत होंगी साथ ही हम वादा करते हैं कि लेखों के माध्यम से अद्वितीय अनुभव होगा।

Related Posts

Post a Comment