सोशल मीडिया की चकाचौंध भरी दुनिया में चंद लोग अनोखी पहचान बनाकर करोड़ों दिलों तक पहुंच पाते हैं. मीशा अग्रवाल उन्हीं में से एक थीं वह 24 साल की युवा, प्रतिभाशाली और जिंदादिल कंटेंट क्रिएटर, जिन्होंने अपनी मुस्कान और रचनात्मकता से लाखों लोगों को प्रभावित किया।

24 अप्रैल 2025 को, अपने 25वें जन्मदिन से ठीक दो दिन पहले, मीशा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। यह न्यूज स्तब्ध करने वाली थी क्योंकि एक हंसते हुए चेहरे का अचानक बुझ जाना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया।
मेधावी छात्रा से डिजिटल दुनिया तक का सफर
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जन्मीं मीशा अग्रवाल ने अपने करियर की शुरुआत एक साधारण लड़की की तरह ही की थी. LLB की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने रोजमर्रा के जीवन के पलों को शेयर करती थी जिससे लोग उनसे जुड़ाव महसूस करते थे।
- मीशा का जन्म 26 अप्रैल 2000 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था।
- उन्होंने कानून की पढ़ाई की और PCS-J की तैयारी कर रही थीं।
- 2017 में उन्होंने ‘The Misha Agrawal Show’ नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया।
- बाद में इंस्टाग्राम पर रील्स, फैशन टिप्स और हल्के-फुल्के वीडियोज से उन्हें लोकप्रियता मिली।
- उनके इंस्टाग्राम पर 3.5 लाख से अधिक फॉलोअर्स थे।
मिश कॉस्मेटिक नाम का ब्रांड शुरू किया
2023 में मीशा ने ‘Mish Cosmetics’ नाम से हेयरकेयर ब्रांड की शुरुआत कर बिजनेस की दुनिया में कदम रखा, सालों से इकट्ठा किए हुए फॉलोवर्स उनके काम आ गए और उन्हें अपने प्रोडक्ट्स के लिए लगातार ऑर्डर मिल रहे थे. उनके प्रोडक्ट हर्बल होते थे जैसे हेयर ऑयल में मेथी, भृंगराज, शिकाकाई, आंवला जैसे इंग्रेडिएंट्स मिलाए जाते थे।

सोशल मीडिया की चमक और दबाव
Misha के इंस्टाग्राम के बायो में लिखा था कि “काफी दूर आए हैं काफी दूर जाना है” मीशा के परिवार (जीजाजी) ने 30 अप्रैल को मिशा के ही इंस्टाग्राम से एक भावुक पोस्ट के जरिए खुलासा किया कि मीशा अपने घटते फॉलोअर्स की वजह से तनाव में थीं।
- मीशा का सपना था 1 मिलियन फॉलोवर्स पूरा करने का.
- घटते हुए फॉलोअर्स देखकर खुद को असफल मानने लगी.
- परिवार ने बताया कि वह अप्रैल की शुरुआत से ही डिप्रेशन में थीं.
- परिवार ने सपोर्ट भी किया और कहा कि वह PCS J की मन से तैयारी करें वह अवश्य ही जज बनेंगी.
एक इंटरव्यू में मीशा ने अपनी मां को अपनी प्रेरणा बताया था, जिन्होंने उन्हें रचनात्मकता की राह पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया।
सीख: सोशल मीडिया और मानसिक स्वास्थ्य
मीशा आज की युवा पीढ़ी थी ऐसी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व का यूं चले जाना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि सामाजिक तौर पर एक क्षति है, उनके इस कदम से यह एक सोचनीय विषय बन गया है कि ऐसा क्या छूट रहा जो हमारे युवा सुसाइड जैसे रास्ते अपनाने को मजबूर हैं।
मानसिक स्वास्थ्य की प्राथमिकता पहली होनी चाहिए, समाज को चाहिए कि वह युवाओं को यह समझाए कि उनका मूल्य लाइक्स और फॉलोअर्स से नहीं तय होता।
अंत में
मीशा अग्रवाल भले ही आज हमारे बीच न हों, लेकिन उनके द्वारा बनाया गया सोशल मीडिया कंटेंट, कई चेहरों पर मुस्कान बिखेरता रहेगा, उनके प्रशंसक सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं, मीशा जैसे न जाने कितने युवा अवसाद से ग्रसित हैं डिजिटल दुनिया ने सुविधाएं तो दी लेकिन बहुत कुछ छीन भी लिया है।
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