भारत के संविधान में किस देश से क्या प्रावधान लिया गया है - The Source of Indian Constitution

भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है इसको बनाने के लिए करीब 60 से अधिक देशों के संविधानों का अध्ययन किया गया।

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हमारा देश विभिन्नताओं का देश है यहां सैकड़ों हजारों बोली भाषाओं के साथ अलग अलग धर्म और जातियां हैं ऐसे में संविधान बनाने के लिए कई सारे संविधानों को पढ़ने के बाद निचोड़ स्वरूप जो मिला वह आज आपके सामने है। संविधान के जनक Dr Ambedkar ने गर्व के साथ कहा था कि

"भारत के संविधान का निर्माण विश्व के विभिन्न  संविधानों को छानने के बाद किया गया है"

भारतीय संविधान के स्रोत (Sources of The Indian Constitution)

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भारतीय संविधान का अधिकतर भाग "भारत सरकार अधिनियम 1935" पर आधारित है। कई उपबंधों या प्रावधानों को विश्व के अलग अलग देशों से लिया गया है मुख्य रूप से

  • Britain 
  • Germany
  • America 
  • Australia 
  • Ireland 
  • Canada 
  • Russia 
  • South 
  • Africa 
  • Japan 
  • France

जैसे देशों से कांस्टीट्यूशन के महत्त्वपूर्ण उपबंध लिए गए हैं।

Briten द्वारा लिए गए प्रावधान और उपबंध

भारतीय संविधान का का ज्यादातर हिस्सा इंग्लैंड के कांस्टीट्यूशन पर बेस्ड है यह कुछ मुख्य बिन्दु हैं

  • संसदीय प्रणाली(Parliamentary System)।
  • एकल नागरिकता(Single Citizenship) का प्रावधान।
  • विधि निर्माण प्रक्रिया या विधि का शासन (Rule of Law) या विधि के समक्ष समता।
  • मंत्रिमंडल का सामूहिक रूप से लोकसभा और विधानमंडलों के प्रति उत्तरदायी होना(मंत्रिमंडल प्रणाली)।
  • संसद का विशेष अधिकार और द्वि सदनवाद।

America द्वारा लिए गए उपबंध

दोहरी नागरिकता जैसे प्रावधान अमेरिकी संविधान से प्राप्त किए गए हैं।

  • न्यायिक समीक्षा अथवा पुनरावलोकन।
  • फंडामेंटल राइट्स।
  • संविधान सर्वोपरि होना।
  • वॉइस प्रेसिडेंट का पद।
  • ज्यूडिशियरी(न्याय) सिस्टम की स्वतंत्रता।
  • राष्ट्रपति का निर्वाचन तथा उस पर महाभियोग।
  • वित्तीय आपात की स्थिति।
  • High Court तथा Supreme court के न्यायधीशों को हटाने की विधि।

आयरिश अथवा आयरलैंड से लिए गए उपबंध

आयरलैंड के संविधान से उधार के कुछ प्रावधान इस प्रकार हैं।

  • प्रेसिडेंट के चुनाव की प्रक्रिया आयरलैंड के संविधान से ली गई है।
  • भारत के राष्ट्रपति द्वारा उच्च सदन अर्थात राज्यसभा के सदस्यों को मनोनीत करना।
  • नीति निर्देशक तत्त्व।

पूर्व सोवियत संघ या Russia के संविधान से लिए गए उपबंध

रूस के कांस्टीट्यूशन से हमने आर्थिक और राजनीतिक प्रगति के लिए अपने संविधान में मुख्य तथ्यों को उतारा है।

  • मूल कर्तव्य जो कि महत्वपूर्ण उपबंध है रूस के संविधान से लिए गए हैं।
  • पंचवर्षीय योजना का प्रावधान भी सोवियत संघ से लिया गया है।

Japan से लिए गए उपबंध

संविधान के अनुच्छेद 21 में कहा गया है कि किसी भी नागरिक को स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता है अतः कानून से सम्बन्धित अधिकार हम जापान के संविधान से प्राप्त होते हैं।

  • जापान के संविधान से एक ही बात "विधि के समान शब्दावली अथवा कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया" ली गई है।

France से लिए गए स्रोत

बंधुत्ववादी बातों में आदर्शवादी समाज की अवधारणा और एक सुगम गण तंत्र की व्यवस्था का प्रारूप हमने फ्रांस से लिए हैं।

  • भारतीय संविधान में फ्रांस के कांस्टीट्यूशन से "गणतंत्रात्मक शासन" लिया गया है।

Germany से लिए गए उपबंध

प्रदेशों की स्वायत्त व्यवस्था था केंद्रीय न्यायपालिका की सोच की अवधारणा जर्मनी के संविधान से लिए गए हैं।

  • जर्मनी से "आपातकालीन उपबंध" को लिया गया है।

Australia से लिए गए स्रोत

संसदीय प्रणाली में जो सबसे ऊपर होता है वह राष्ट्रपति होते हैं किंतु शक्तियों का केंद्र प्रधानमंत्री के पास रहता है यह बात ऑस्ट्रेलिया के संविधान में निहित है।

  • Australia से मुख्यताः समवर्ती सूची और प्रस्तावना की परिभाषा को लिया गया है।

Canada से लिए गए उपबंध

कनाडा से लिए गए उपबंध इस प्रकार हैं

  • संघात्मक शासन व्यवस्था कनाडा से ली गई है।
  • अवशिष्ट शक्तियां का केंद्र में निहित रहना।
  • राज्यपाल की नियुक्ति के विषय में जो प्रक्रिया होगी।

दक्षिण अफ्रीका से लिए गए उपबंध

  • South Africa से "संविधान संशोधन (Article - 368) की प्रक्रिया ली गई है।

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यह मुख्य देश हैं जिनके उपबंधो से मिलकर हमारे संविधान का गठन किया गया है हालांकि व्यवस्थाओं को अपने देश के हाव भाव के अनुसार शामिल किया गया है बहुत गहरी रिसर्च और संविधान सभा की बहस के बाद जनता को ध्यान में रखकर संविधान में उपबंध बनाए गए हैं,विविधताओं के देश को इस प्रकार सुसज्जित तरीके से एक दिशा में लिए चलना बताता है कि हमारे देश का संविधान प्रैक्टिकल और सामाजिक तौर पर कितना देश के लिए फिट है।

निष्कर्ष

हमारे देश का संविधान कई देशों के कांस्टीट्यूशन को अध्ययन कर  अपनी देश की सामाजिक भौगोलिक स्थिति के हिसाब से जहां की व्यवस्था ज्यादा सुगम लगी उन्ही देशों से लेकर हमने अपने तरीके से उन्हे लागू किए।

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Amit Mishra

By Amit Mishra

नमस्कार! यह हमारी टीम के खास मेंबर हैं इनके बारे में बात की जाए तो सोशल स्टडीज में मास्टर्स के साथ ही बिजनेस में भी मास्टर्स हैं सालों कई कोचिंग संस्थानों और अखबारी कार्यालयों से नाता रहा है। लेखक को ऐतिहासिक और राजनीतिक समझ के साथ अध्यात्म,दर्शन की गहरी समझ है इनके लेखों से जुड़कर पाठकों की रुचियां जागृत होंगी साथ ही हम वादा करते हैं कि लेखों के माध्यम से अद्वितीय अनुभव होगा।

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