हाल के दिनों में देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने न केवल प्रशासन, बल्कि आम जनता को भी सजग कर दिया है। 7 मई 2025 को देशभर के 244 जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।

यह अभ्यास भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तय किया गया है। इस पहल का उद्देश्य केवल सुरक्षा बलों को तैयार करना नहीं है, बल्कि आम नागरिकों को भी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए सशक्त बनाना है।
मॉकड्रिल क्या होता है
मॉक ड्रिल एक पूर्व नियोजित अभ्यास होता है, जिसमें किसी संभावित संकट, जैसे आतंकी हमला, युद्ध या प्राकृतिक आपदा का सामना करने की तैयारी की जाती है, यह एक तरह का 'रियल टाइम रिहर्सल' है।
भारत-पाक तनाव के मौजूदा हालात और हाल ही में 26 लोगों की जान लेने वाले पहलगाम हमले को देखते हुए, यह अभ्यास वक्त की जरूरत बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा है कि भारत अब किसी भी खतरे के प्रति आंखें मूंदकर नहीं बैठेगा।
7 मई को मॉक ड्रिल कहां और कैसे होगा आयोजित
देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 259 जगहों पर मॉकड्रिल का आयोजन किया जाएगा, इनमें सीमावर्ती राज्य जैसे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के साथ शहरों में दिल्ली, लखनऊ और मुंबई जैसे महानगरों में भी इसका असर देखने को मिलेगा।
मॉक ड्रिल में होने वाली बातें इस प्रकार हैं।
- (एयर रेड सायरन टेस्टिंग) संभावित हवाई हमले की चेतावनी देने के लिए सायरन बजाया जाएगा।
- रात के समय बिजली काटकर युद्ध जैसी स्थिति का अभ्यास किया जाएगा।
- स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के उपाय सिखाए जाएंगे।
- NDRF और SDRF टीमें आपात स्थितियों में बचाव और राहत कार्यों का अभ्यास करेंगी।
- यह आयोजन 1971 के युद्ध के बाद सबसे व्यापक नागरिक सुरक्षा अभ्यास माना जा रहा है।
सुरक्षा की दृष्टि से अहम फैसला
सरकार का यह ऐतिहासिक फैसला सामाजिक दृष्टि से सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- पूरे देश की एकजुटता यह दिखाएगी कि सारे भारतीय एक हैं।
- बीजेपी सांसदों को भी आम नागरिकों की तरह भाग लेने के लिए कहा गया है, इससे यह होगा कि सब आम आदमी हैं।
- साइबर अटैक, ड्रोन हमलों जैसे नए खतरों से निपटने की तैयारी को भी यह अभ्यास परखने का माध्यम बनेगा।
- सरकार की सक्रियता देखकर जनता का विश्वास उनके प्रति बढ़ेगा।
मॉकड्रिल के लिए चुनौतियां
इस व्यापक अभ्यास में सबसे बड़ी चुनौती ग्रामीण क्षेत्रों की है क्योंकि वहां पर यह समझा जाएगा कि यह युद्ध की तैयारी है जबकि सरकार को वहां के लोगों को सीधा संदेश देना होगा कि यह जागरूकता और आत्मबल बढ़ाने का प्रयास है। सिविल डिफेंस ढांचे को मजबूत करने के लिए आपदा प्रबंधन जैसे टॉपिक बच्चों को पढ़ाए जाएं।
निष्कर्ष: तैयार भारत, सुरक्षित भारत
7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि भारत को और अधिक सजग, संगठित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। यह हमें याद दिलाता है कि सुरक्षा केवल एक संस्था की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
इस पहल के जरिए हम सभी को यह अवसर मिल रहा है कि हम न केवल अपने देश की सुरक्षा व्यवस्था को नजदीक से समझें, बल्कि उसका हिस्सा बनकर देश के प्रति अपने दायित्व को निभाएं। आप इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में क्या सोचते हैं? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर साझा करें।