Salman Khan की सबसे फीकी फिल्म: डायरेक्टर ने छोड़ा निर्देशन, एक्ट्रेस ने बॉलीवुड को कहा तौबा

1989 में फिल्म "मैंने प्यार किया" से अपने करियर की शुरुआत करने वाले सलमान ने धीरे-धीरे खुद को एक सुपरस्टार के रूप में स्टैबलिश करने के लिए फिल्मों में निभाए गए किरदारों जान डाल दी,शुरुआत की कुछ फिल्में जैसे साजन,  "हम आपके हैं कौन" (1994) और "करण अर्जुन" (1995) ने सुपर स्टार के रूप में पैर जमाने में अहम रोल अदा किया।

Salman Khan की सबसे फीकी फिल्म: डायरेक्टर ने छोड़ा निर्देशन, एक्ट्रेस ने बॉलीवुड को कहा तौबा

बॉलीवुड के "भाईजान" की फ्लॉप फिल्में भी 100 से 200 करोड़ी क्लब में आसानी से शामिल हो जाती हैं लेकिन कभी-कभी करियर में कुछ ऐसी पिक्चरें भी होती हैं जिनका बजट बहुत ज्यादा होता है लेकिन लोग बिल्कुल नहीं पसंद करते, आज हम बात कर रहे हैं ऐसी ही एक फिल्म की, जो सलमान की करियर की सबसे बड़ी फ्लॉप साबित हुई। 

Marigold: An Adventure in India 2007

फिल्म 'मैने प्यार किया' फिल्म से शुरुआत करने वाले दबंग खान की साल 2007 में सलमान खान की 4 मूवी आई थी जिसमें सलाम ए इश्क, मेरी गोल्ड और पार्टनर, इसके बाद रणवीर कपूर की डेब्यू फिल्म सांवरिया जिसमें सल्लू ने केवल गेस्ट रोल निभाया, पार्टनर को छोड़ दिया जाए तो मेरीगोल्ड (Salman Hollywood Movie) डिजास्टर और बाकी फ्लॉप थी।

सलमान खान की मैरीगोल्ड फिल्म का पोस्टर व एक दृश्य

फिल्म मैरीगोल्ड में हॉलीवुड की फाइनल डेस्टिनेशन वाली एक्ट्रेस Ali Larter, सलमान के साथ मुख्य भूमिका में थी, फिल्म की कहानी में भी वह B ग्रेड अमेरिकन एक्ट्रेस के किरदार में हैं और वह भारत आती हैं जहां उनकी मुलाकात गोवा में प्रेम राजपूत(Salman)से होती है।

इस फिल्म का बजट और कलेक्शन

मैरीगोल्ड फिल्म को विलार्ड कैरोल ने निर्देशित किया था इसके बाद से उन्होंने कोई फिल्म डायरेक्ट नहीं की और इसी तरह इस फिल्म की एक्ट्रेस ने भी बॉलीवुड में फिर कोई काम नहीं किया।

इस फिल्म को बनाने में तकरीबन 19 करोड़ रुपए का खर्च आया था वहीं बॉक्स ऑफिस कमाई की बात करें तो 1.70 करोड़ रुपए भारत में और विदेशों में लगभग 2 करोड़ रुपए की कमाई की थी, परिणाम स्वरूप यह फिल्म एक बड़ी डिजास्टर साबित हुई थी।

फ्लॉप होने के पीछे समीक्षकों की राय

पहले तो 2007 में इंडिया के दर्शकों को इसका नाम ही नहीं समझ आया दूसरा यह फिल्म ऑडियंस से कनेक्ट ही नहीं हो पाई, हालाँकि भारत में फिल्म ने कम कमाई की, लेकिन विदेशी बाजार में इसका प्रदर्शन बेहतर रहा। इसका कारण यह हो सकता है कि वहाँ के दर्शकों को इसकी कहानी या कलाकारों में अधिक दिलचस्पी थी।

  • कमजोर स्क्रिप्ट फिल्म की कथानक में नवीनता और गहराई की कमी थी। दर्शकों को एक ऐसी कहानी चाहिए जो उन्हें जोड़े, लेकिन "मेरी गोल्ड" की प्लॉट पहले से देखी-सुनी लगी।
  • फिल्म किस विशेष दर्शक वर्ग को ध्यान में रखकर बनाई गई थी, यह स्पष्ट ही नहीं था, किसी फिल्म का कोई टारगेट ऑडियंस (जैसे युवा, परिवार, या एक्शन प्रेमी) न हो, तो उसकी अपील कम हो जाती है।
  • फिल्म को किसी प्रतिस्पर्धी फिल्मों के साथ या फेस्टिव सीजन में रिलीज किया गया होता, तो शायद बेहतर परिणाम मिलते।

सलमान के करियर में बदलाव

सलमान की तेरे नाम और तुमको न भूल पाएंगे के बाद से छवि एक एक्शन हीरो की रही. और मैरीगोल्ड एक दम अलग थी लेकिन जैसे ही सलमान ने अपने फैनबेस के हिसाब की फिल्म चुनी, करियर में वापसी मार दी। इस फिल्म के बाद सलमान ने अपनी स्टार पावर को पुनर्जीवित करने के लिए "वांटेड" (2009) और "दबंग" (2010) जैसी फिल्मों का रुख किया, जो उनके करियर के टर्निंग पॉइंट साबित हुईं।

निष्कर्ष

"मैरी गोल्ड" की असफलता से यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ बड़े बजट और नामी कलाकार ही फिल्म को हिट नहीं बनाते, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति, मजबूत कंटेंट और दर्शकों से जुड़ाव जरूरी है।

मेरीगोल्ड" की असफलता ने सलमान को यह समझाया कि दर्शकों की पसंद और सांस्कृतिक संवेदनशीलता फिल्म निर्माण में कितनी महत्वपूर्ण होती है। सलमान अपनी मेहनत, दृढ़ता और फैन्स के प्रति प्यार की वजह से आज एक लीजेंड हैं।

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Amit Mishra

By Amit Mishra

नमस्कार! यह हमारी टीम के खास मेंबर हैं इनके बारे में बात की जाए तो सोशल स्टडीज में मास्टर्स के साथ ही बिजनेस में भी मास्टर्स हैं सालों कई कोचिंग संस्थानों और अखबारी कार्यालयों से नाता रहा है। लेखक को ऐतिहासिक और राजनीतिक समझ के साथ अध्यात्म,दर्शन की गहरी समझ है इनके लेखों से जुड़कर पाठकों की रुचियां जागृत होंगी साथ ही हम वादा करते हैं कि लेखों के माध्यम से अद्वितीय अनुभव होगा।

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