अहमदाबाद से लन्दन जा रही एयरइंडिया की फ्लाइट में एक व्यक्ति चमत्कारिक रूप से सुरक्षित बच गया उन्होंने इस दर्दनाक घटना की रोंगटे खड़े कर देने वाली गवाही साझा की, जिसे सुनकर हर कोई सहम जाता है। उनके अनुसार, विमान में अचानक हुए तकनीकी खराबी और अफरातफरी के बीच उसे लगा कि जीवन के आखिरी पल हैं। लेकिन किसी अदृश्य शक्ति की कृपा से वह इस जानलेवा हादसे से बच निकला।

इस घटना ने एक बार फिर एयरलाइन सेफ्टी और यात्री सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे की जांच जारी है, लेकिन यात्री की जिंदगी बचना सचमुच किसी करिश्मे से कम नहीं।
जिंदा बचे यात्री ने सुनाई दहला देने वाली दास्तां
अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में गंभीर रूप से घायल विश्वास ने बताया कि विमान के उड़ान भरते ही महज 30 सेकंड के अंदर ही एक तेज धमाका हुआ और पल भर में जहाज जमीन से टकरा गया। घटना इतनी तेजी से घटी कि किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। जब मैं होश में आया, तो मेरे चारों ओर सिर्फ लाशें ही लाशें नजर आईं। डर के मारे मेरी साँसें थम सी गईं, फिर भी मैंने जैसे-तैसे खुद को समेटा और वहाँ से तुरंत बाहर निकला।
यात्री ने मौत को करीब से देखा
प्लेन क्रैश दुर्घटना में 11A सीट पर बैठे एक यात्री ने मौत को बेहद करीब से देखा, लेकिन किसी चमत्कार की तरह वह सुरक्षित बच निकला। यह यात्री लंदन निवासी भारतीय मूल के 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश हैं, जो फिलहाल अहमदाबाद के सिविल अस्पताल, असारवा के जनरल वार्ड में इलाजरत हैं।
इस हादसे ने यात्रियों और उनके परिवारों को हिलाकर रख दिया है। स्थानीय प्रशासन और एयरपोर्ट अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है, जबकि विमान हादसे के कारणों को लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। विश्वास कुमार रमेश की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, पीएम मोदी ने भी उनसे मुलाकात कर सेहत के बारे में जानकारी ली है।
मौत का मंजर
रमेश ने बताया कि मैं जब आँखें खोलकर उठा, तो सामने का नज़ारा देखकर सन्न रह गया। चारों ओर बस लाशों का ढेर था, जिसे देखकर रोंगटे खड़े हो गए। हवा में मौत की सन्नाटा भरी ख़ामोशी छाई हुई थी। यह वह दृश्य था जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, लेकिन आँखों के सामने यह सच था। वह पल मन को झकझोर गया, जब जीवन और मृत्यु के बीच की पतली रेखा पूरी तरह धुंधला चुकी थी।
विश्वास बताते हैं कि सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। भाग्य ने विश्वास का साथ दिया और किसी ने उन्हें देखकर एंबुलेंस में डाल दिया। हादसे में उनके सीने, आंखों और पैरों में गंभीर चोटें आईं, लेकिन उनकी जान बच गई। इस अनुभव को वह अपना दूसरा जन्म मानते हैं।
एयर इंडिया के इस जहाज में सवार थे 242 लोग
विमान कुछ ही मिनटों के अंदर पूरी तरह ध्वस्त हो गया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मारने वालों की संख्या 250 के ऊपर बताई गई है जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल हुए। हादसे के कारणों की जाँच के लिए विशेष जाँच दल गठित किया गया है।
12 जून दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान एक भयावह हादसे का शिकार हो गया। विमान में सवार 242 यात्री में 12 क्रू मेंबर, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक के अलावा शेष सभी भारतीय थे।
निष्कर्ष,
इन हादसों में से कुछ प्रमुख हैं - 1996 में चार्की दादरी विमान हादसा, 2010 में मैंगलोर एयरपोर्ट दुर्घटना और 2020 में कोझिकोड प्लेन क्रैश जैसी भीषण घटनाएं। प्रत्येक हादसे ने विमानन सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े किए और देश को शोक के सागर में डुबो दिया।