बॉलीवुड के 'भाईजान' सलमान खान की रगों में दौड़ता खून साधारण नहीं है। वह जम्मू के डोगरा राजपूतों के वंश से ताल्लुक रखते हैं, जिनका इतिहास शौर्य और वीरता से भरा हुआ है। खुद सलमान भी इस बात पर गर्व महसूस करते हैं और कहते हैं – "हां, मेरे अंदर योद्धाओं का खून बहता है..."

डोगरा राजपूतों की विरासत ने उन्हें एक अलग ही तेवर दिया है, जो उनके व्यक्तित्व और फिल्मी भूमिकाओं में झलकता है। क्या आप जानते हैं कि उनके पूर्वजों ने इतिहास के पन्नों में वीरता के कितने किस्से दर्ज किए हैं?
सलमान खान ने खोली अपने हिंदू पूर्वजों की पारिवारिक पृष्ठभूमि
बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान ने एक बार 'द कपिल शर्मा शो' में अपने पारिवारिक इतिहास के बारे में खुलकर बात की थी। अपनी मां सलमा खान के माता-पिता के हिंदू होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि उनके अंदर एक 'वॉरियर का खून' बहता है।
यह बयान उस वक्त चर्चा में आया था जब उन्होंने अपनी दादी-नानी की विरासत और उनके साहसी स्वभाव का उल्लेख किया। इससे पता चलता है कि सलमान को अपनी जड़ों पर गर्व है और वह धर्म से परे अपनी पारिवारिक विरासत को महत्व देते हैं। उनकी इस टिप्पणी ने फैंस के बीच काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया जगाई थी।
सलमान खान का सांस्कृतिक विरासत से गहरा नाता
बॉलीवुड के भाईजान सलमान खान ने हमेशा से ही धर्म और संस्कृति की सीमाओं को पार करके एकता की मिसाल पेश की है। ईद हो या गणेश चतुर्थी, वह हर त्योहार को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। उनकी यह खूबी उनके माता-पिता के संस्कारों से आती है - पिता सलीम खान के इस्लामी मूल्यों के साथ-साथ मां सलमा खान (पूर्व नाम सुशीला चरक) के हिंदू संस्कारों ने उन्हें धार्मिक सद्भाव की सीख दी है।
डोगरा राजपूतों का शाही इतिहास
एक्टर सलमान के नाना बलदेव सिंह चरक जम्मू-कश्मीर के प्रतिष्ठित डोगरा राजपूत परिवार से ताल्लुक रखते थे, जिनका इतिहास शौर्य और वीरता से भरा रहा है। उनकी नानी पद्मा चरक महाराष्ट्रीयन मूल की थीं, जिससे उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और भी समृद्ध हो जाती है। डोगरा राजपूतों की बात करें तो कश्मीर के अंतिम राजा हरि सिंह अंतिम शशक थे, सन 1947 में सरदार पटेल के तत्वाधान में कश्मीर का विलय इन्हीं के कार्यकाल में हुआ था।
1820 में सिख राजा रणजीत सिंह ने डोगरा राजपूत गुलाब सिंह को कश्मीर की गद्दी में बैठाया था तभी से इनकी नींव मानी जाती है आज भी पहाड़ों में इनके रामकौशल की गाथाएं प्रचलित हैं इतिहास में उन्हें स्वामी भक्त बताया गया है अगर आज वीरता की बात करें तो भारतीय सेना में 'डोगरा रेजिमेंट‘ इसका उदाहरण है।
Saleem Khan और सुशीला चरक की इंटरकॉस्ट शादी
फिल्म लेखक सलीम खान और सुशीला चरक (बाद में सलमा खान) की प्रेम कहानी में धर्म एक बड़ी चुनौती थी। सुशीला के पिता बलदेव सिंह चरक ने शुरू में इस रिश्ते को लेकर आपत्ति जताई थी, लेकिन सलीम खान के आश्वासन के बाद उन्होंने दोनों के बीच के प्यार को स्वीकार कर लिया। 1964 में हुई इस शादी ने न सिर्फ एक खुशहाल परिवार को जन्म दिया, बल्कि यह भारतीय समाज के लिए धार्मिक सहिष्णुता की एक मिसाल भी बन गई। बाद में सलीम खान ने ईसाई एक्ट्रेस हेलेन से भी विवाह किया और उनकी बेटी को गोद लिया, जो उनके खुले विचारों को दर्शाता है।

निष्कर्ष : सामाजिक संदेश
सलमान खान का जीवन इस बात का प्रमाण है कि प्यार और सम्मान कभी धर्म या संस्कृति की दीवारों में नहीं बंधते। उनकी फिल्मों की तरह ही उनका निजी जीवन भी दर्शकों के लिए प्रेरणादायी है। सलमान खान सहित उनका परिवार सिर्फ शाही खून ही नहीं बल्कि विचारों से भी राजशी है उनके खानदान में सर्व धर्म संभाव का भाव निहित है जो मूल भारत के विचारों में से एक है मलाइका अरोड़ा जो कि क्रिश्चियन थीं और सलमान, अरबाज, सोहेल की माता हिन्दू हैं, और अपनी बहन की शादी एक ब्राह्मण परिवार में की है।