UPPSC Normalization Protest का आज तीसरा दिन : अभ्यर्थियों की संख्या में इजाफा, सन्नाटे में सरकार और आयोग

11 नवम्बर से सुबह 11 बजे से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने विद्यार्थी धरने पर हैं हजारों की संख्या में अभ्यर्थी जुड़ रहे हैं पहले दिन पुलिस और युवाओं के बीच झड़प हुई थी और पुलिस ने आयोग के सामने से हटाने के लिए डंडे का सहारा लिया था।

UPPSC Normalization Protest का आज तीसरा दिन : अभ्यर्थियों की संख्या में इजाफा, सन्नाटे में सरकार और आयोग

आज तीसरे दिन यानि 13 नवम्बर को लखनऊ में भी कुछ छात्रों के प्रदर्शन की खबर आ रही है हालांकि मौके पर पुलिस पहुंचकर शांत कराने की कोशिश कर रही है।

बदलते मौसम में भी छात्रों का जोश नहीं हो रहा कम

इधर ठंड के मौसम ने दस्तक दी है फिर भी देश के भावी स्टूडेंट्स रात में भी आयोग के सामने डटे हैं और लगातार नॉर्मलाईजेशन (सामान्यीकरण) की प्रक्रिया के खिलाफ आंदोलनरत हैं अभ्यर्थियों को सोशल मीडिया पर भरपूर समर्थन मिल रहा है इस समय उत्तर प्रदेश के गलियारों में इस मुद्दे ने प्रदेश के मुखिया समेत सरकार को झकझोर कर रख दिया है हालांकि अब तक कोई आधिकारिक बयान की सूचना नहीं आई है।

छात्रों के प्रदर्शन पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया हैंडल से लगातार कई रोज से #UPPSC_No_Normalization #UPPSC_ROARO_ONESHIFT जैसे हैशटैग लगातार ट्रेंड कर रहें हैं लाखों की संख्या में रिपोस्ट और ट्वीट जारी हैं।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी ने X पर लिखा कि पर्याप्त परीक्षा केंद्र न मिल पाना परीक्षाओं का कई शिफ्ट में होना छात्रों के लिए चिंतनीय विषय है और परीक्षाओं में पारदर्शिता होनी चाहिए, इनका यह बयान बहुत ही डिप्लोमेटिक है आप भी पूरा बयान पढ़ें।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जी ने लगातार छात्रों के हित में 3 ट्वीट किए स्टूडेंट्स की गरीबी और मजबूरी का हवाला देते हुए उनके साथ खड़े होने की बात कही और साथ में सरकार से भी सवाल पूछा कि आखिर ज्यादा परीक्षा केंद्र बनाकर एक ही दिन एग्जाम कराने में असक्षम क्यों है साथ ही उन्होंने कहा कि छात्रों का आक्रोशित होना बिल्कुल उचित है यहां पढ़ें।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने तो शायरी से छात्रों का समर्थन किया और साथ ही दूसरे ट्वीट में वह तंज भरे अंदाज में  लिखते हैं कि क्या अलग अलग दिन हुए चुनाव में भाजपा नॉर्मलाईजेशन की प्रक्रिया को अपनाएगी?

X पर कई ब्लूटिकधारी प्रोफाइल ने छात्रों की एकता पर समर्थन दिया है और उनकी मांगों को जायज ठहराया है भारी मात्रा में लोगों ने यह लिखा है 

जो वन नेशन, वन इलेक्शन का ख़्वाब बुनते हैं,

वही वन एग्जाम, वन शिफ्ट से पीछे हटते हैं।

Neha Singh Rathore सिंगर ने भी स्टूडेंट की आवाज को उठाया है और सरकार के खिलाफ मजाकिया अंदाज में तंज कसा है।

12 लोगों पर केस दर्ज 10 अभ्यर्थी हिरासत में

आज दोपहर तक आयोग के सामने एकत्र होने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के आसार हैं सबकी निगाहें आयोग के चेयरमैन और उत्तर प्रदेश के मुखिया माननीय योगी जी पर टिकी हुई हैं बीते रात पुलिस ने आयोग के बैरिकेटिंग तोड़ने के आरोप में अभिषेक शुक्ला और राघवेंद्र लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है साथ ही 10 लोगों को माहौल बिगाड़ने के आरोप में कस्टडी पर लिया गया है।

और लखनऊ से आ रहे छात्र समर्थन के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी अनुराग ठाकुर को पुलिस ने रास्ते में डिटेन कर वापस लखनऊ रवाना कर दिया है।

आयोग ने सुप्रीम कोर्ट की कमेटी का हवाला देकर अभ्यर्थियों से मेल द्वारा सुझाव मांगे

आयोग ने पारदर्शी नॉर्मलाईजेशन प्रक्रिया कराने के लिए किसी दूसरे विज्ञापन का उदाहरण दिया और पुलिस भारती जैसी वेकेंसी को पेश किया कि उस समय सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने क्या कहा था हालांकि अभ्यर्थियों ने कहा कि यह सब प्रदर्शन से घुमाने की साजिश के सिवा कुछ भी नहीं है।

यह भी पढ़ें:UPPSC Normalization के खिलाफ प्रयागराज में छात्र धरने पर: क्या सरकार सुन रही है उनकी मांगें?

इसके अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रवक्ता ने विद्यार्थियों से कहा कि अगर किसी के पास नॉर्मलाईजेशन से संबंधित बेहतर सुझाव है तो आयोग उनका स्वागत करेगा और सुझावों को कमेटी के सामने प्रस्तुत कर उपाय निकालने का प्रयास किया जाएगा, साथ ही प्रदर्शन कर रहे छात्रों को सुझाव भेजने के लिए online.uppsc@nic.in पर ईमेल कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:UPPCS नॉर्मलाइजेशन विवाद क्या है? जानें पूरी खबर!

आज नॉर्मलाईजेशन के खिलाफ और एक शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग को लेकर तीसरा दिन है बीते दो दिनों में यह आंदोलन सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है लेकिन सरकार और आयोग की तरफ से कोई भी सहूलियत देने पर विचार नहीं किया गया है अभ्यर्थी अलग अलग स्लोगन की तख्तियां लेकर सोशल हैंडल पर मिनिस्टर और संस्थाओं को टैग कर रहे हैं अब देखना यह है कि सरकार और विद्यार्थियों के बीच क्या रास्ता निकलता है अगर आपके आपस कोई सुझाव हैं तो कमेंट में अवश्य बताएं।

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Amit Mishra

By Amit Mishra

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