भारतीय इतिहास के पन्नों में कई ऐसे शूरवीर हुए हैं जिनके बारे में इतिहास ने उतना न्याय नहीं किया जितना होना चाहिए था. अपनी मातृभूमि और संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले लाखों योद्धा सिर्फ चंद पन्नों में समेट दिए गए।

हम ऐसे ही एक योद्धा की बात करेंगे जिन्होंने केसरी रंग को और गहरा कर दिया था वह थे हमीरजी गोहिल, जिन्होंने 14वीं शताब्दी में सोमनाथ मंदिर पर हुए आक्रमण के दौरान उसकी रक्षा के लिए अदम्य साहस का परिचय दिया। फिल्म 'Kesari Veer' के ज़रिए अब उनकी कहानी बड़े पर्दे पर दिखाई जाएगी. आइए जानते हैं हमीरजी गोहिल की इस ऐतिहासिक गाथा और फिल्म से जुड़ी अहम बातें।
कौन थे हमीरजी गोहिल?
हमीरजी गोहिल गुजरात के प्रसिद्ध गोहिल वंश के महान योद्धा थे, वह भीमजी गोहिल के पुत्र थे. 14वीं शताब्दी में जब दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद तुगलक द्वितीय का गवर्नर जफर खान भारत के प्रथम ज्योतिर्लिंग श्री सोमनाथ पर आक्रमण करता है तब हमीरजी ने अपनी 16 वर्ष की उम्र की परवाह किए बिना 200 वीरों की टुकड़ी को इकट्ठा कर लगभग 11 दिनों तक युद्ध करते रहे।

चूंकि जफर के पास तोपें और बारूद था जिसकी वजह से सुल्तान की सेना ने युद्ध तो जीत लिया किंतु हमीरजी सर कटने के बाद भी काफी समय तक लड़ते रहे उनकी यह वीरता देखकर सब हतप्रभ हो गए थे। गुजरात और महाराष्ट्र में आज भी उनकी बहादुरी के किस्से चर्चित हैं।
ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर: आस्था का केंद्र
सोमनाथ मंदिर, जो भारत के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है, सदियों से विदेशी आक्रमणों का निशाना बनता रहा है. इतिहास में कई बार इसे तोड़ा गया, लेकिन हर बार यह पहले से अधिक भव्यता के साथ पुनर्निर्मित हुआ।
अब तक इस मंदिर पर पिछले हजार सालों में लगभग 17 बार लूट और आक्रमण किया गया है महमूद गजनवी से लेकर औरंगजेब जैसे आताताइयों ने इसे संपूर्ण नष्ट करने की कोशिश की लेकिन वह कभी कामयाब नहीं हुए उल्टा जब जब आक्रमण हुआ इसके बाद इसकी शान में इजाफा होता रहा और हमीरजी गोहिल जैसे वीरों ने इसे खून से सींच कर इसे सुरक्षित रखा।
'Kesari Veer' फिल्म: इतिहास को नए सिरे से जीवंत करती प्रस्तुति
हाल ही में विकी कौशल की छावा ने इतिहास को उकेरा है अब केसरी वीर फिल्म जो कि पीरियॉडिक ड्रामा है जिसमें हमीरजी की भूमिका में सूरज पंचोली और सुनील शेट्टी और जफर खान की भूमिका में विवेक ओबेरॉय दिखेंगे, किरण कुमार, अरुणा ईरानी जैसे कलाकार भी दिखेंगे।
- यह ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म 16 May 2025 को सिनेमा घरों में दिखेगी।
- 'Kesari Veer' में हमीरजी गोहिल के अदम्य साहस और बलिदान को एक भव्य सिनेमाई अनुभव के माध्यम से दर्शाएगी।
- फिल्म में ऐतिहासिक घटनाओं को सजीव ढंग से पेश करने के लिए भव्य सेट, प्रामाणिक परिधान और शक्तिशाली संवादों का इस्तेमाल किया गया है।
क्यों देखनी चाहिए 'Kesari Veer'?
इतिहास के अनसुने नायकों को जानने का मौका मिलता है क्योंकि कम पन्नों में सहेजे गए ऐसे वीर पुरुषों की वजह से ही भारतीय भूमि सुरक्षित है तो देखा जाए तो ऐसे महान विभूतियों का यह देश कण कण ऋणी रहेगा।
- देशभक्ति और सांस्कृतिक चेतना से भरपूर कहानी सामाजिक प्रेरणा देगी।
- शानदार अभिनय और प्रामाणिक निर्देशन जो कि इतिहास की गलियों तक घुमाएगा।
- एक अच्छे स्वस्थ्य समाज को अपने इतिहास और भूगोल की जानकारी होना अनिवार्य है और सबसे अच्छा माध्यम फिल्में होती है।
निष्कर्ष: हमीरजी गोहिल का शौर्य आज भी प्रेरणा है
'Kesari Veer' न सिर्फ एक फिल्म है, बल्कि एक श्रद्धांजलि है उन वीरों के प्रति जिन्होंने भारत की आत्मा और संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। हमीरजी गोहिल की गाथा आज भी हमें सिखाती है कि जब बात अपने धर्म और धरोहर की रक्षा की हो, तो किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटना चाहिए। अगर आप हमीर जी गोहिल का इतिहास पहले से जानते हैं तो एक कोई बात कमेंट में शेयर जरूर करें।