
PCO(Polycystic Overy), PCOS(Polycystic Overy Syndrome), PCOD(Polycystic Overy Disease) यह तीनों महिलाओं से सम्बन्धित बीमारियाँ हैं इन्हें Modern Epidemic In Women कहा जाता है Modern Science और Modern Study कहती है भारत मे हर 7 में से 1 महिला इस बीमारी से ग्रसित है।
आइये जानें इस बीमारी के बारे में
जब सोनोग्राफी (sonography) या Ultra Sonography (हमारे आंतरिक अंगों (organs) की स्थिति और उनकी बीमारी का पता लगाने के लिए ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है जिसे हम सोनोग्राफी कहते हैं)
करते हैं जिससे हमें पता चलता है कि अण्डाशय (Ovary) में मोतियों की माला जैसे दिख रहें हैं उसे PCO (Polycystic Ovary)कहा जाता है।
और जब यह बीमारी हमारे आन्तरिक भाग से बाहरी भाग अर्थात शारीरिक आवरण में दिखने लगती है तब कुछ इस प्रकार के लक्षण दिखायी देते हैं-
- अनियमित मासिक चक्र(Irregular Menstrual Cycle)
- चेहरे पर मुहासों का दिखना
- बालों का झड़ना
- तैलीय त्वचा(Oily Skin)
- जरूरत से ज्यादा त्वचा पर बाल निकलने लग जाना
जब यह लक्षण दिखायी देने लगते हैं तब इस बीमारी को PCOS(Polycystic ovary Syndrome) कहा जाता है। जब इस बीमारी की वजह से मधुमेह(Diabetes)अथवा सुगर , उच्च रक्तचाप(Hypertension) जैसे लक्षण दिखायी देने लगे तब इसे PCOD(Polycystic Ovary Disease) कहा जाता है।
क्या हैं लक्षण
अनियमित मासिक चक्र(Irregular Periods) जिसे आम भाषा मे MC(menstrual Cycle) भी कहते हैं, जब पीरियड 2 या ढाई महीने के अंतराल में आए और बहुत थोड़ी सी मात्रा में ब्लीडिंग हो या तो अत्यधिक मात्रा में खून का स्राव होने लगे।
- वजन का अचानक बढ़ने लगना भी इसका एक लक्षण है।
- इस बीमारी में चेहरे में मुँहासे या Cystic मुँहासे निकलने लगते हैं।
- बालों का झड़ना,त्वचा का तैलीय होना(Oily Skin)
- महिलाओं के शरीर के दूसरे हिस्सों में (जैसे पुरुषों में दाढ़ी मूछे होती हैं) उन जगहों पर बालों का निकलना, इस बीमारी में Male Pattern Harmone के लक्षण दिखने लगते हैं।
- चिड़चिड़ापन, गुस्सा या अवसादग्रस्त होना।
- इस बीमारी का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण बाँझपन(INFERTILITY) है।
इस बीमारी को कैसे पहचाने (Diagnose) करें
अगर Oligomenorrhea या Aminorrhoea के लक्षण अर्थात अनियमित मासिक चक्र,एक साल में 3 बार ही पीरियड का आना।
Biochemical या Clinical Evidence के आधार पर या male Pattern Harmones के लक्षण दिखायी देने पर इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है, खून के जांच से भी हार्मोन्स के आधार पर इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
Sonographic Diagnosis के आधार पर अगर Ovary का साइज 10CC से ज्यादा है।
इस बीमारी के होने के कारण
PCO/PCOS/PCOD बीमारी होने के मुख्य कारण-
- आनुवंशिकता(heredity)
- बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल(सारा दिन एक ही जगह बैठ के काम करना,मानसिक चिन्ता, शारीरिक श्रम न करना इत्यादि)
- Overthinking (आवश्यकता से अधिक सोचना)
- उचित खानपान का न होना(Unhealthy Food)
- नींद सही से न लेना और समय पर न सोना।
- Insulin Resistance (इन्सुलिन प्रतिरोध) इन्सुलिन हार्मोन हमारे अग्नाशय (Pancreas) से निकलता है इस हार्मोन का काम है कि जो हमारे शरीर मे खून(Blood) है उसके Glucose को उन कोशिकाओं तक पहुचाना जिन्हें इसकी आवश्यकता है, लेकिन अगर हमारे शरीर मे इन्सुलिन प्रतिरोध है तब ग्लूकोज़ कोशिकाओं तक बेहतर ढंग से पहुँच नही पाता है जिससे हमारा वजन बढ़ने लगता है और मोटापा आता है जिसकी वजह से PCOD अनियंत्रित होता है और डायबिटीज और हाइपरटेंशन होता है।
Endometrial carcinoma or Endometrial Cancer अर्थात गर्भाशय स्तर का कैंसर भी हो सकता है।
PCOD को सक्रिय करने वाले कारक-
- रूम Freshner का उपयोग करने से।
- फ्लोर Cleaner से
- प्लास्टिक Bottle से
- Aluminum foil को खाने में लपेटने से
हर उम्र की महिलाओं में PCOD के लक्षणों को देखा जा सकता है।
PCOD बीमारी में क्या खाएं क्या न खाएं
ज्यादा पका हुआ भोजन नही करना चाहिए। भोजन पकने के 1 घंटे के अंदर ही भोजन गृहण कर लें।
- Keto Diet
- Fat Free Diet
- Carbohydrate less Dite
- Mono Corb Diet
इन सबका सेवन नही करना है। PCOD के लिए कार्बोहाइड्रेट बहुत आवश्यक है लेकिन Carbs Unprocessed होना चाहिए, जो हमे मिलता है- गेहूं, ज्वार,बाजरा,रागी इत्यादि से। सीजन के ताजे फल और Dry Fruits का सेवन इस बीमारी में अत्यंत लाभदायक है।
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Alpha lipoic Acid इस बीमारी में अत्यन्त लाभदायक है जो हमे मिलता है- अलसी के बीज, अखरोट, हरी मटर। दाल,अंकुरित चने,उडद यह सब प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं जिन्हें डाइट में शामिल करना चाहिए। पैकेट वाला खाना, Fat free, प्रोटीन Rich, Low Carb यह सब जिन पैकटों पर लिखा हो उन्हें खाने से बचें।
Dairy Product खाने से बचना चाहिए क्योंकि जिन पशुओं के दूध का सेवन हम करते हैं उनमे से ज्यादातर को Harmonal Injection दिया जाता है और जब हम दूध या कोई भी प्रोडक्ट का सेवन करते हैं तो यही हार्मोन शरीर मे जाता है इस प्रकार के हार्मोन्स को Xeno Estrogen कहा जाता है जो शरीर के Estrogens को बढ़ाते (mimic) हैं,यह शरीर के लिए हानिकारक है।
योगासन से PCOD का उपचार
- ध्यान(MEDITATION)
- अनुलोम-विलोम
- उसत्रासन
- पश्चिमोत्तानासन
- नवकासन
- सूर्य नमस्कार
- त्रिकोणासन
- मस्चन्द्रासन
- बन्दकोणासन
यह सब योग मुद्राएँ पीसीओडी में अत्यन्त कारगर है योग एक ऐसा माध्यम है जो शरीर के हर प्रकार के विकारों को दूर करता है।
Note: PCOD आज के समय मे महिलाओं की एक गम्भीर समस्या है इसका उपचार डॉक्टर के परामर्श और मार्गदर्शन से करें।